कोविड को लेकर भारत के बचाव में यह कहा अडाणी ने
अडाणी ग्रुप के प्रमुख ने जेपी मॉर्गन इंडिया इन्वेस्टर समिट (JP Morgan India Investor Summit) को संबोधित करते हुए यह टिप्पणी की।
उन्होंने भारत के कोविड-19 महामारी (Covid-19 Pandemic) से निपटने के तरीके का बचाव करते हुए कहा कि दोष लगाने और खामियां ढूंढने की हड़बड़ी में, इस बात को नजरअंदाज कर दिया गया कि इतनी बड़ी आबादी वाला एक देश यूरोप(Europe), उत्तरी अमेरिका (South America) और ओशेनिया की तुलना में इस संकट से कितने बेहतर तरीके से निपटा।
उन्होंने कहा, “शायद हम कुछ चीजें बेहतर कर सकते थे और निश्चित रूप से, एक भी इंसान की जान जाना एक त्रासदी है। लेकिन हमारी आबादी का विशाल आकार यकीनन भारत में किसी भी दूसरे बड़े देश की तुलना में कोविड की चुनौती को बड़ा बना देता है।”
अडाणी ने कहा कि वह यह नहीं कह रहे कि आलोचना नहीं की जानी चाहिए लेकिन लोकतंत्र में जवाबदेही भी तय होनी चाहिए।
उन्होंने कहा, “लेकिन दोष लगाने और खामियां ढूंढ़ने की हड़बड़ी में, यह संभव है कि हम एक दूसरे सकारात्मक पक्ष को स्वीकार करने में विफल रहे कि हम कोविड संकट से कैसे निपटे हैं और किस तरह से निपट रहे हैं।”
अडाणी ने साथ ही कहा, “आलोचना राष्ट्रीय गरिमा की कीमत पर नहीं होनी चाहिए। यह एक देश को नीचा दिखाने की कीमत पर नहीं होनी चाहिए।”
उन्होंने कहा कि प्रेस की स्वतंत्रता (Freedom of Press) की आड़ में मीडिया कवरेज पक्षपाती नहीं होना चाहिए।
उद्योगपति ने कहा “कहानी का हमेशा एक और पक्ष होता है जिसे दुर्भाग्य से नहीं बताया गया।”