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बड़ा संकट: तेजी से संक्रमित करता है दक्षिण अफ्रीका में मिला वैरिएंट, अगर ऐसा हुआ तो दुनिया में पैदा होगा गंभीर संकट

नई दिल्ली। दक्षिण अफ्रीकी देशों (South African countries) में कोरोना का नया वैरिएंट (new variant of corona)  मिलने के बाद भारत समेत पूरी दुनिया की टेंशन बढ़ा दी है। इस चिंता के बीच विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की एक सलाहकार समिति ने दक्षिण अफ्रीका में मिले नए वैरिएंट को लेकर कहा है कि यह बहुत तेजी से फैलने वाला संक्रमण है। ग्रीक वर्णमाला के तहत से ओमीक्रॉन (omicron) नाम दिया गया है। वहीं जीनोम सीक्वेसिंग (genome sequencing) की निगरानी करने वाले इन्साकॉग (insaccog) का मानना है कि यह नया वेरिएंट B.1.1.529 अगर डेल्टा से मिश्रित होता है, तो गंभीर संकट के हालात पैदा हो सकते हैं।

WHOने कोरोना वायरस इवोल्यूशन (corona virus evolution) पर तकनीकी सलाहकार समूह की एक आपातकालीन बैठक के बाद जारी एक बयान में कहा, ”Covid -19 महामारी (Pandemic) विज्ञान में एक हानिकारक परिवर्तन का संकेत प्रस्तुत किए गए सबूतों के आधार पर, टीएजी-वीई ने डब्ल्यूएचओ को सलाह दी है कि इस संस्करण को चिंता के प्रकार (VOC) के रूप में नामित किया जाना चाहिए और डब्ल्यूएचओ ने बी.1.1529 को इस रूप में नामित किया है। इस वीओसी का नाम ‘ओमीक्रॉन’ है।

वहीं नई दिल्ली स्थित काउंसिल आफ साइंटिफिक एंड इंडस्ट्रियल रिसर्च (CMIR) के इंस्टीट्यूट आफ जीनोमिक्स एंड इंटीग्रेटिव बायोलॉजी (Institute of Genomics and Integrative Biology)  (IGIB) के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. विनोद स्कारिया का कहना है कि पहली बार वायरस में 32 बार म्यूटेशन हुआ है। उन्होंने कहा कि अब वेट एंड वॉच (wait and watch) का समय जा चुका है। इस समय एक्ट (कार्य) का वक्त है। हमें सावधान रहने की जरूरत है। वैक्सीन और जन स्वास्थ्य से जुड़े उपायों को तत्काल पूरी सतर्कता के साथ शुरू करना जरूरी है।

डेल्टा वेरिएंट में ही 25 बार म्यूटेशन
इन्साकॉग के अनुसार, भारत में अब तक 1.15 लाख सैंपल की जीनोम सीक्वेंसिंग पूरी हो चुकी है। इनमें से 45394 सैंपल में गंभीर वेरिएंट मिले हैं। डेल्टा के 28880 मामले मिल चुके हैं। डेल्टा वेरिएंट में ही 25 बार म्यूटेशन हो चुका है और इन म्यूटेशन की पहचान अब तक 6611 सैंपल में सामने आए हैं।

69 फीसदी नमूनों में मिल चुके हैं गंभीर वेरिएंट
नई दिल्ली स्थित भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMRर) के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. ललित कुमार (Senior Scientist Dr. Lalit Kumar) का मानना है कि भारत में पहले से ही 69 फीसदी से अधिक गंभीर वेरिएंट की मौजूदगी है। इसमें सबसे अधिक डेल्टा ही है। ऐसे में अगर यह नया वेरिएंट भारत में प्रवेश करता है तो डेल्टा के साथ इसका मिश्रण कैसा होगा। यह विज्ञान भी अब तक नहीं जान पाया है।

कई देशों ने लगाया ट्रैवल बैन
दक्षिण अफ्रीका में मिले कोरोना के नए वेरिएंट को लेकर पूरी दुनिया सतर्क हो गई है। कुछ देशों ने दक्षिण अफ्रीका से यात्रियों की आवाजाही पर रोक लगा दी है। अमेरिका ने Covid-19 के वैरिएंट के चलते दक्षिण अफ्रीका और सात अन्य अफ्रीकी देशों के गैर-अमेरिकी नागरिकों की यात्रा पर सोमवार से पाबंदी लगाने का ऐलान किया है। कनाडा ने भी घोषणा की कि उसने उन विदेशी यात्रियों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया है जिन्होंने पिछले 14 दिन में अफ्रीका के दक्षिणी भाग की यात्रा की है।

होम क्वारंटीन पर दिया जा रहा सबसे ज्यादा जोर
नए वेरिएंट को लेकर शुक्रवार को हुई वैज्ञानिकों की उच्च स्तरीय बैठक के बाद एक वरिष्ठ वैज्ञानिक ने कहा कि अभी होम क्वारंटीन पर सबसे अधिक जोर दिया जा रहा है लेकिन इन तीन देश के अलावा संदिग्ध मरीजों को हवाईअड्डे पर ही क्वारंटीन सेवा मिलनी चाहिए, ताकि नए वेरिएंट के प्रवेश को लेकर किसी भी तरह की आशंका नहीं रह सके। उन्होंने कहा कि बीते 20 महीने का अनुभव देश को मिल चुका है और संदिग्ध मरीजों को क्वारंटीन के लिए सख्ती बरतना जरूरी है। ताकि संक्रमण का स्रोत लापता न हो सके।

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