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तीसरी लहर की आशंका: महाराष्ट्र में फिर तेजी से बढ़ रहे संक्रमण के मामले, टेंशन में आई सरकार

नई दिल्ली। कोरोना महामारी (corona pandemic) की दूसरी लहर (Second Wave) से राहत मिलने के बाद महाराष्ट्र (Maharashtra) में संक्रमण के मामले एक बार फिर तेजी से बढ़ने लगे हैं। राज्य में सबसे ज्यादा तेजी से मामले पुणे, मुंबई, सांगली समेत कई जिलों में बढ़ रहे हैं। जिसको देखते हुए राज्य सरकार ने तीसरी लहर (Third Wave) को रोकने बैठकों का दौर शुरू कर दिया है। बता दें कि कल रविवार को CM उद्धव ने कोरोना को लेकर बड़ी बैठक की थी और जिलों में बढ़ते संक्रमण को लेकर चिंता भी जताई थी।

सरकारी आंकड़ों से पता चलता है कि भले ही पिछले कई हफ्तों से सभी जिलों में साप्ताहिक सकारात्मकता दर 5% से नीचे रही, लेकिन इस सप्ताह पुणे (Pune) और अहमदनगर (Ahmednagar) जैसे कुछ जिलों में यह आंकड़ा क्रमश: 6.58% और 5.08% देखा गया। मुंबई (Mumbai) वापस उन टॉप 5 जिलों में शामिल हो गया है जहां कोरोना के सबसे ज्यादा मामले रिपोर्ट किए जा रहे हैं ।

ज्ञात हो कि 10 सितंबर से गणेश चतुर्थी का त्योहार (festival of ganesh chaturthi) शुरू होने वाला है जिसको लेकर विशषज्ञों ने बड़ी चिंता जाहिर की है। वहीं राज्य में जिस तरह से संक्रमण के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं उससे सरकार को तीसरी लहर का डर सताने लगा है। पिछले 10 दिनों में मामलों की संख्या में कोई गिरावट नहीं देखी गई है। इसके बजाय, नए संक्रमणों में मामूली उछाल आया है। राज्य के स्वास्थ्य अधिकारियों ने मुंबई में हुए सम्मेलन में यह जानकारी दी है।





डॉ व्यास ने कहा है, इन जिलों में नए संक्रमणों की वृद्धि दर और साप्ताहिक सकारात्मकता दर बहुत अधिक है। शुक्रवार से शुरू होने वाले गणेश उत्सव के साथ, इन जिलों में बड़े पैमाने पर मनाए जाने की संभावना है, तीसरी लहर शुरू होने की संभावना है। जिला प्रशासन को अत्यधिक सावधानी बरतने की जरूरत है।

व्यास ने हालांकि कहा कि शेष 17 जिलों में से दूसरी लहर अभी थम गई है। उनमें से सात जिलों में 10 से कम सक्रिय रोगी हैं जबकि 11 में, सक्रिय रोगियों की संख्या 11 से 100 के बीच है। इनमें से अधिकांश जिले विदर्भ और मराठवाड़ा में हैं। सम्मेलन में, सीएम ठाकरे ने कहा कि उनकी सरकार की प्राथमिकता तीसरी लहर को टालना या हमले की तीव्रता को कम करना है।

राज्य के कुल 52,025 सक्रिय मामलों में से 90.62 प्रतिशत मामले केवल 10 जिलों से हैं, जिनमें से 37,897 यानी 72.84 प्रतिशत मामले केवल 5 जिलों से सामने आए हैं। राज्य सरकार ने पुणे, अहमदनगर, सतारा, सोलापुर, सांगली, रत्नागिरी और सिंधुदुर्ग को ‘चिंता के जिले’ करार दिया है।

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