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यूरोप में फिर टूटा कोरोना का कहर: एक हफ्ते में मिले 20 लाख से अधिक संक्रमित, 30 हजार की गई जान

नई दिल्‍ली। यूरोप (Europe) में कोरोना महामारी का प्रकोप (outbreak of corona pandemic) एक बार फिर तेजी से बढ़ने लगा है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने तो यहां तक कह दिया है कि यूरोप फिर महामारी का केन्द्र (Europe again the epicenter of the pandemic) बन गया है। इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है यहां पर पिछले एक हफ्ते में 20 लाख से अधिक संक्रमित मरीज (More than 20 lakh infected patients in a week) मिले हैं। वहीं इस दौरान करीब 30 हजार मरीजों की जान भी गई है। लगातार बढ़ते सक्रमण यूरोपीय देशों की परेशानी बढ़ गई है। और लॉकडाउन जैसे कदम उठाने पड़ रहे हैं। इस बीच आस्ट्रिया ने कोरोना को लेकर बड़ा कदम उठाया है।

आस्ट्रिया के चांसलर एलेक्जेंडर शालेनबर्ग (Austrian Chancellor Alexander Schalenberg) ने शुक्रवार को एलान किया कि अपर आस्ट्रिया और साल्जबर्ग में टीके की खुराक न लेने वाले लोग सोमवार से खास वजहों, जैसे जरूरत का सामान खरीदने, डॉक्टर से मिलने या नौकरी के लिए ही घरों से बाहर निकल पाएंगे। शालेनबर्ग ने कहा कि वे देशभर में ऐसे ही कदमों को लागू करने पर विचार कर रहे हैं। बताया गया है कि आस्ट्रिया के साथ पड़ोसी जर्मनी में भी संक्रमण की रफ्तार तेज हो गई है।

वहीं यूरोप को लेकर बात करें तो पूर्वी यूरोप (Eastern Europe) के उन देशों में कोरोना के मामले बढ़ रहे हैं, जहां वैक्सीनेशन कम हुआ है। वहीं पश्चिमी यूरोप (Western Europe) में उन देशों में कोरोना के मामले बढ़ रहे हैं जहां सबसे ज्यादा टीकाकरण किया गया है। यानि साफ है कि यूरोप एक बार फिर से कोरोना वायरस का एपिक सेंटर (epic center of corona virus) बनता हुआ नजर आ रहा है। वहीं कई यूरोपीय देशों ने एक बार फिर से Covid-19 से संबंधित बाध्‍यताएं लगानी शुरू कर दी है।





50 करोड़ कोवैक्‍स वैक्‍सीन (covax vaccine) 144 देशों तक पहुंच गई हैं। हमारा लक्ष्‍य है कि दुनिया की 40 फीसदी आबादी को इस साल के अंत तक वैक्‍सीन लगा दिया जाए. इसके लिए कुल मिलाकर 55 करोड़ वैक्‍सीन की जरूरत अगले 10 दिनों के अंदर पड़ने वाली है। डब्ल्यूएचओ की इस ब्रीफिंग में एक बात और बताई गई कि 22 मिलियन से ज्‍यादा बच्‍चों को पिछले साल खसरा का टीका नहीं लग सका।

विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन ने अपनी ब्रीफिंग में कहा कि कोरोना की बूस्‍टर डोज, खासकर स्‍वस्‍थ्‍य लोगों को देने का कोई औचित्‍य नहीं हैं। न ही बच्‍चों को। डब्ल्यूएचओ ने कहा कि आज भी दुनिया के कई देशों में स्‍वास्‍थ्‍यकर्मियों, बुजुर्ग और हाई रिस्‍क कैटगरी वालो लोगों को वैक्‍सीन की पहली डोज नहीं लगाी है. अगर वैक्‍सीन किसी को दोबारा लगती है जिनको इसकी जरूरत ही नहीं है तो ये स्‍कैंडल होगा. इस स्‍कैंडल को रोकने की जरूरत है।

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