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यूपी: आजादी के 75 साल बाद आज कुशीनगर को मिलेगी नई पहचान, पीएम मोदी करेंगे एयरपोर्ट का उद्घाटन

नई दिल्ली। आजादी के 75 साल (75 years of independence) बाद आज कुशीनगर (kushinagar) को आज नई पहचान मिलने जा रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) बौद्ध धर्म के अनुयायियों (followers of buddhism) के एक प्रमुख ‘तीर्थस्थल’ कुशीनगर में 260 करोड़ रुपये की लागत से 589 एकड़ में बने अंतरराष्ट्रीय विमानतल (international airport) का उद्घाटन करेंगे। इस दौरान उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) और राज्यपाल आनंदी बेन पटेल (Anandi Ben Patel) भी मौजूद रहेंगी। इस मौके पर कई देशों के राजदूत और श्रीलंका का एक विशेष प्रतिनिधिमंडल भी मौजूद रहेगा।

कुशीनगर हवाई अड्डे पर उतरने वाला पहला अंतरराष्ट्रीय विमान श्रीलंका सरकार का होगा, जिसमें उच्‍च-स्‍तरीय सरकारी प्रतिनिधिमंडल होगा। प्रधानमंत्री अपनी इस यात्रा के दौरान राजकीय मेडिकल कॉलेज समेत 12 अन्य परियोजनाओं का भी शिलान्यास और लोकार्पण करेंगे। ऐसे में यूपी चुनाव से ठीक पहले पीएम मोदी की ये सौगात बौद्ध धर्म के अनुयायियों के साथ-साथ पूर्वांचल के राजनीतिक समीकरण को भी साधने की भी कवायद मानी जा रही है।

उत्तर प्रदेश के मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ ने प्रधानमंत्री के कार्यक्रम के मद्देनजर मंगलवार को कुशीनगर का दौरा कर सम्पूर्ण तैयारियों का जायजा लिया। इस मौके पर पत्रकारों से बातचीत में योगी ने कहा, यह उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) का सौभाग्य है कि PM द्वारा उत्तर प्रदेश को कल तीसरा इंटरनेशनल एयरपोर्ट सौंपा जाएगा। पूर्वी उत्तर प्रदेश और पश्चिमोत्तर बिहार के विकास में इस नये हवाई अड्डे का बहुत बड़ा योगदान होगा। इससे न केवल पर्यटन की असीम संभावनाएं उपलब्ध होंगी, बल्कि रोजगार के अवसर भी प्राप्त होंगे।

बौद्ध सर्किट का केंद्र बिंदु कुशीनगर
कुशीनगर एक बौद्ध तीर्थ केंद्र है जहां भगवान गौतम बुद्ध (Lord Gautam Buddha) ने महापरिनिर्वाण प्राप्त किया था। यह बौद्ध सर्किट का केंद्र बिंदु भी है, जिसमें लुंबिनी, सारनाथ बोधगया, श्रावस्ती, राजगीर, संकिसा और वैशाली जैसे बौद्ध तीर्थस्थल शामिल हैं। कुशीनगर का इंटरनेशनल एयरपोर्ट उन लोगों के लिए खास सौगात है जो देश-दुनिया से भगवान बुद्ध की महापरिनिर्वाण स्थली (Mahaparinirvana Sthal) पहुंचना चाहते हैं।





बसपा शासनकाल में आया चर्चा में हवाई अड्डा
वर्ष 2008 में मुख्यमंत्री के तौर पर मायावती कुशीनगर आई थीं। अपने आध्यात्मिक गुरु एबी ज्ञानेश्वर से मिलकर लौटीं मायावती ने कुशीनगर में अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट बनवाने की घोषणा की। इसके लिए प्रस्ताव भी केंद्र सरकार को भेजा गया। मंजूरी भी मिल गई, लेकिन निर्माण कार्य शुरू नहीं हो पाया। वर्ष 2012 में प्रदेश की सत्ता संभालते ही सपा सरकार ने मैत्रेय प्रोजेक्ट को लेकर तत्परता दिखाई। एयरपोर्ट के लिए जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू हो गई।

योगी सरकार में मंत्री भी मानते हैं बौद्ध धर्म
बसपा छोड़कर बीजेपी में आए योगी सरकार में कैंबिनेट मंत्री स्वामी प्रसाद मोर्य भी बौद्ध धर्म को मानते हैं। कुशीनगर जिले ही वो विधायक हैं। ऐसे में 2022 के चुनाव से ठीक पहले पीएम मोदी ने कुशीनगर में एयरपोर्ट के सौगात के जरिए बसपा के कोर वोटबैंक माने जाने वाले बौद्ध धर्म को साधने का दांव चला है। पूर्वांचल के कुशीनगर, देवरिया, संतकबीरनगर में बड़ी संख्या में बौद्ध धर्म के लोग रहते हैं तो पश्चिम यूपी में नोएडा, मेरठ, सहारनपुर जैसे दलित बहुल जिलों में भी बौद्ध धर्म के लोगों की बड़ी संख्या है।

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