ताज़ा ख़बर

आज खत्म हो सकता है किसान आंदोलन: केन्द्र के प्रस्ताव पर आज फिर मंथन, सरकार से मुलाकात कर सकती है पांच सदस्यीय कमेटी

सोनीपत (हरियाणा)। केन्द्र सरकार (central government) के बनाए कृषि कानूनों (agricultural laws) को लेकर किसान पिछले एक साल से अधिक समय से आंदोलन (protest) कर रहे हैं। लेकिन अब यह आंदोलन समापन की ओर पहुंचता दिख रहा है। केन्द्र के द्वारा भेजे गए पांच प्रस्तावों पर कल मंथन करने के बाद संयुक्त किसान मोर्चा ने आज फिर एक बड़ी रखी है। यह बैठक नई दिल्ली इलाके में है। माना जा रहा है कि पांच सदस्यीय कमेटी की बैठक के बाद केंद्र सरकार के बड़े मंत्री से भी मुलाकात कर सकती है।

हालांकि इससे पहले किसानों ने सरकार की ओर से भेजे गए मसौदे पर अपनी असहमतियां भेजी थीं और कहा था कि यदि केंद्र इनमें सुधार कर ले तो आंदोलन वापस ले लिया जाएगा। तीन कृषि कानूनों को रद करने MSPपर काननू बनाने सहित दूसरे मुद्दों पर समिति गठित करने की घोषणा के बाद केंद्र ने पहली बार मंगलवार को संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) के पास लिखित प्रस्ताव भेजा। इसमें किसानों की सभी मांगों को मानने का जिक्र है, लेकिन मोर्चा के नेताओं ने उक्त प्रस्ताव का स्वागत करते हुए तीन प्रमुख आपत्तियों के साथ सरकार को वापस भेज दिया।

किसानों की तरफ से उम्मीद जताई गई है कि सरकार उनकी चिंताओं पर सहनभूतिपूर्वक विचार कर आज अपनी प्रतिक्रिया देगी। इसको लेकर मोर्चा बुधवार दोपहर दो बजे पुन: बैठक करेगा तभी किसी अंतिम निर्णय पर पहुंचा सकेगा। आंदोलन समाप्त होने की किसी प्रकार की घोषणा का मोर्चा नेताओं ने खंडन किया है। वहीं एसकेएम कमेटी में शामिल सदस्यों ने सरकार पर नजरअंदाज किए जाने का आरोप लगाते हुए कड़े तेवर दिखाए थे और मंगलवार को होने वाली मोर्चा की बैठक में दिल्ली कूच जैसे कार्यक्रमों का फैसला लेने के संकेत दिए थे।

कमेटी के सदस्यों ने प्रतिनिधिमंडल के साथ गुपचुप बैठक की। करीब एक घंटे की बैठक के बाद वह वापस मोर्चा की बैठक में पहुंचे। यहां पर मोर्चा के नेताओं के सामने सभी प्रस्ताव रखे गए, जिस पर किसान नेताओं ने MSP, मुकदमे वापसी (return case) व मुआवजे पर सरकार की शर्तों का विरोध किया और अन्य सभी मुद्दों पर किसानों ने सहमति जताई। किसान नेताओं ने 3 बिंदुओं पर सरकार से स्पष्टीकरण मांगा है और इसके बाद बुधवार को फिर से बैठक करने का निर्णय लिया है।





कमेटी के सदस्य बलबीर सिंह राजेवाल (Balbir Singh Rajewal), शिवकुमार कक्का (Shivkumar Kakka), गुरनाम सिंह चढूनी (Gurnam Singh Chaduni), युद्धवीर सिंह (Yudhveer Singh) व अशोक धवले (Ashok Dhawale) ने मंगलवार शाम पत्रकारों से बातचीत कर साफ कहा कि जिन 3 मुद्दों पर पेंच फंसा है, उन पर सहमति के बाद ही किसान आंदोलन वापस लेने के बारे में विचार करेंगे। सरकार ने लिखित प्रस्ताव भेजकर अच्छी पहल की है। अब लगता है कि जल्द ही सभी मुद्दों पर बाकी सहमति बनाने का प्रयास करेगी।

सरकार के प्रस्ताव और तीन बिंदुओं पर किसानों का जवाब
केंद्रीय गृह मंत्रालय (Union Home Ministry) ने एमएसपी गारंटी कानून को लेकर प्रस्तावित कमेटी में केंद्र सरकार के साथ राज्य सरकार, कृषि विशेषज्ञ व वैज्ञानिकों के अलावा एसकेएम व अन्य किसान संगठनों के प्रतिनिधियों की समिति गठित करने की बात कही है। किसानों की मांग है कि इस कमेटी में अन्य किसान संगठनों की जगह सिर्फ संयुक्त मोर्चा के प्रतिनिधियों को ही शामिल किया जाए।

केंद्र सरकार ने कहा है कि यूपी और हरियाणा में किसानों के खिलाफ सभी मामले वापस लिए जाएंगे, लेकिन पहले किसान आंदोलन समाप्त करें। इस पर एसकेएम सदस्यों ने कहा कि आंदोलन खत्म करने की शर्त न रखी जाए। पहले ही केस वापस ले लिए जाएं। पहले भी इस तरह आंदोलन खत्म करवाने के बाद केसों को वापस नहीं लिया गया। जिससे मुसीबत बढ़ गई। सरकार सैद्धांतिक तौर पर मुआवजा देने को तैयार है, लेकिन किसानों का कहना है कि पंजाब की तर्ज पर मुआवजा और नौकरी दी जाए।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button