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अंजाम तक पहुंचा किसानों का आंदोलन, धरना-प्रदर्शन खत्म कर खुशी मनाते अपने घरों को लौट रहे किसान

नई दिल्ली। दिल्ली की सीमाओं (Delhi borders) पर बीते करीब एक साल से आंदोलन (protest) कर रहे किसानों (farmers) ने आज शनिवार को अपना धरना-प्रदर्शन (Protest) पूरी तरह से खत्म कर दिया है। इसके साथ खुशी मनाते हुए अपने घरों को निकल पड़े हैं। भारी संख्या में ट्रैक्टर-ट्रालियां होने की वजह से जीटी रोड (GT Road) पर जाम लग गया है। हालांकि जाम की स्थिति को देखते हुए किसानों ने अलग-अलग जत्थों में निकलने का फैसला किया था। बता दें कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पिछले 9 दिसंबर को कृषि कानूनों (agricultural laws) को वापस लेने के अलावा किसानों अपनी सभी मांगे मनवाकर ही आंदोलन को समाप्त करने ऐलान किया है।

वहीं कुछ किसानों का कहना है कि पहले आज विजय दिवस (victory Day) मनाएंगे, इसके बाद घर वापसी करेंगे। संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) ने कहा है कि किसान शनिवार को देश भर के सभी बॉर्डर पॉइंट (border point), टोल प्लाजा (toll plaza) और विरोध स्थलों पर विजय मार्च (victory march) निकालेंगे। इसके बाद वे अंत में साल भर के विरोध प्रदर्शन के समापन के अवसर पर घर लौट जाएंगे। जश्न में शामिल होने के लिए पंजाब और हरियाणा से करीब 500 ट्रैक्टर-ट्रालियों के साथ किसान कुंडली पहुंचे हैं।

रिपोर्टों के अनुसार, किसानों ने पहले 10 दिसंबर को विजय दिवस मनाना तय किया था। भारत के पहले चीफ आॅफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल बिपिन रावत के निधान के कारण इसे एक दिन के लिए टाल दिया गया। दरअसल कृषि कानून की वापसी के बाद भी किसान न्यूनतम समर्थन मूल्य समेत कई मांगों को लेकर धरने पर जमे रहे थे. लेकिन अब सरकार ने एक चिट्ठी भेजकर उनकी सभी मांगों को लेकर सकारात्मक रुख दिखाया है। संयुक्त किसान मोर्चा, भारतीय किसान यूनियन समेत कई किसान संगठन अपनी मांगों को लेकर साल भर सरकार से वार्ता करते रहे।

वाहन चालकों को मिलेगी राहत
किसानों की वापसी के साथ ही कुंडली बॉर्डर पर करीब आठ किलोमीटर तक का मार्ग खाली हो जाएगा। 50 फीसदी से अधिक किसान पहले ही लौट चुके हैं। माना जा रहा है कि तीन दिन तक मामूली मरम्मत होने के बाद जीटी रोड के दोनों तरफ की सर्विस लेन को चालू किया जा सकेगा। इससे वाहन चालकों को राहत मिल सकेगी।





शुक्रवार को गुरुद्वार में अरदास
इससे पहले शुक्रवार को कृषि कानून को रद्द करने की जंग जीतने के बाद किसान नेता राकेश टिकैत, समेत पंजाब के कई किसान नेता दिल्ली स्थित गुरुद्वारा बंगला साहिब पहुंचे. यहां किसान नेताओं ने अरदास किया। राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) ने कहा कि किसानों को आमजनों के सहयोग से जीत मिली है। उन्होंने कहा कि दिल्ली के चारों तरफ मोर्चे जमे हुए थे। इनमें साथ लगते गांवों के लोगों ने बहुत साथ दिया. सब्जी से लेकर दूध लस्सी तक लंगरों में पहुंचाया. डॉक्टरों ने भी संघर्ष के दौरान बहुत अच्छी भूमिका निभाई। इन लोगों के सहयोग की वजह से ही आंदोलन सफल हुआ है।

आपको बता दें कि मुख्य रूप से पंजाब, हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के हजारों किसान तीन कृषि कानूनों को निरस्त करने की मांग को लेकर नवंबर 2020 के अंत से दिल्ली की विभिन्न सीमाओं पर विरोध प्रदर्शन कर रहे थे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 19 नवंबर को घोषणा की कि उनकी सरकार विवादास्पद कानूनों को निरस्त कर देगी। बाद में, संसद ने 29 नवंबर को उन्हें निरस्त करने के लिए एक विधेयक पारित किया।

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