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आसमान छूने लगेगा अब ‘आसमान की सैर’  का किराया भी! एटीएफ के दाम में रिकॉर्ड वृद्धि

नई दिल्ली। आसमान की सैर यानी हवाई जहाज में सफर का किराया भी जल्दी ही आसमान छूने लग सकता है। ऐसा देश-भर में विमान के ईंधन यानी एटीएफ की कीमतों में आज हुई रिकॉर्ड वृद्धि के चलते अनुमान लगाया जा रहा है।विमान कंपनी स्पाइसजेट ने साफ़ कहा है कि ऐसे हालात में अब हवाई किराया दस से पंद्रह प्रतिशत तक बढ़ाने के अलावा और कोई विकल्प नहीं रह गया है।
अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दाम में बढ़ोतरी के बीच विमान ईंधन (एटीएफ) की कीमतों में गुरुवार  को 16 फीसदी की वृद्धि की गई जो अब तक की गई सर्वाधिक वृद्धि है। इससे देशभर में एटीएफ के दाम रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गए हैं।
सार्वजनिक क्षेत्र की पेट्रोलियम कंपनियों की मूल्य अधिसूचना के अनुसार, राष्ट्रीय राजधानी में एटीएफ के दाम 19,757.13 रुपये प्रति किलोलीटर यानी 16.26 फीसदी की वृद्धि के साथ 1,41,232.87 रुपये प्रति किलोलीटर (141.2 प्रति लीटर) पर पहुंच गए हैं।
इस महीने की शुरुआत में एटीएफ की कीमत में 1.3 प्रतिशत (1,563.97 रुपये प्रति किलोलीटर) की मामूली कटौती की गई थी लेकिन अब जो वृद्धि की गई है उससे एटीएफ के दाम देशभर में रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गए हैं।
यह वृद्धि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल की कीमतों में बढ़ोतरी के मद्देनजर की गई। अंतरराष्ट्रीय तेल मानक ब्रेंट क्रूड बृहस्पतिवार को 119.16 डॉलर प्रति बैरल पर आ गया जो लगभग एक दशक का सर्वोच्च स्तर है।
विमान ईंधन में वृद्धि के कारण विमानन कंपनियों की परिचालन लागत भी बढ़ जाएगी क्योंकि किसी भी एयरलाइन की परिचालन लागत में एटीएफ की हिस्सेदारी 40 फीसदी तक होती है।
एटीएफ में एक जून को की गई कटौती से पहले इस वर्ष इसमें 10 बार वृद्धि की गई थी।
अब मुंबई में एटीएफ के दाम 1,40,092.74 रुपये प्रति किलोलीटर, कोलकाता में 1,46,322.23 रुपये प्रति किलोलीटर और चेन्नई में 1,46,215.85 रुपये प्रति किलोलीटर हैं।
पेट्रोल और डीजल के दामों में कोई परिवर्तन नहीं किया गया है और ये क्रमश: 96.72 रुपये प्रति लीटर और 89.62 रुपये प्रति लीटर हैं।
‘अब बढ़ाना ही होगा एयर फेयर’
विमान ईंधन के दामों में हुई बढ़ोतरी और रुपये के अवमूल्यन की वजह से घरेलू विमानन कंपनियों के पास हवाई किराया तत्काल बढ़ाने के अलावा कोई और विकल्प नहीं रह गया है। विमानन कंपनी स्पाइसजेट के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक अजय सिंह ने गुरूवार को यह कहा।
सिंह ने एक बयान में कहा कि परिचालन लागत वहनीय बनी रहे इसके लिए हवाई किराये में कम से कम 10 से 15 फीसदी की वृद्धि करना आवश्यक है।
कोरोना वायरस महामारी के कारण मार्च 2020 में लगाए गए दो महीने के लॉकडाउन के बाद 25 मई 2020 को जब हवाई सेवाएं बहाल हुई थीं तब सरकार ने विमान उड़ान की अवधि के आधार पर घरेलू हवाई किराये की निम्न और उच्च सीमा निर्धारित की थी।
वहीं रूस और यूक्रेन के बीच इस वर्ष 24 फरवरी को शुरू हुए युद्ध के बाद से ईंधन की कीमतें लगातार बढ़ रही हैं।
सिंह कहा, ‘‘जून 2021 के बाद से विमान ईंधन के दाम में 120 फीसदी से अधिक की बढ़ोतरी हो चुकी है। दामों में बड़े पैमाने पर हुई यह वृद्धि वहनीय नहीं है और केंद्र तथा राज्यों की सरकारों को विमान ईंधन पर कर कम करने के लिए तत्काल कदम उठाना चाहिए।’’
उन्होंने कहा कि अमेरिकी डॉलर के मुकाबले भारतीय मुद्रा के कमजोर होने से भी विमानन कंपनियों पर बहुत असर पड़ा है।

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