द कश्मीर फाइल्स पर सियासत: तब क्या कर रहे थे संसद में बैठे आपके 85 सांसद, यह पूछ कांग्रेस ने पीएम पर किया बड़ा वार
नई दिल्ली। देश भर में बॉक्स आॅफिस पर धूम मचा रही द कश्मीर फाइल्स को लेकर कल मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का भी बड़ा बयान सामने आया। उन्होंने मूवी को लेकर सवाल उठाने वाले लोगों पर तीखा हमला बोला था। उन्होंने कहा था कि इन दिनों कश्मीर फाइल्स की चर्चा चल रही है और जो लोग अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के झंडे लेकर चलते हैं वो लोग पिछले 5-6 दिन से बौखला गए हैं। उनके इस बयान पर अब कांग्रेस ने पलटवार किया है।
कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने ट्वीट कर पीएम मोदी और उस समय के भाजपा सांसदों की भूमिका को लेकर जमकर हमला बोला है। सुरजेवाला ने पूछा कि पीएम मोदी बताएं कि जब 1990 में कश्मीरी पंडित आतंक और बर्बरता के साये में पलायन को मजबूर हुए, तब भाजपा के 85 सांसद, जिनके समर्थन से केंद्र की वी.पी.सिंह सरकार चल रही थी, क्या कर रहे थे? मुख्यमंत्री को हटाकर उनके बिठाए राज्यपाल ने सुरक्षा देने की बजाय पंडितों को पलायन के लिए क्यों उकसाया?
रणदीप सुरजेवाला ने अपने दूसरे ट्वीट में कहा कि क्या देश के पीएम, बापू के आदर्शों से लेकर कश्मीरी पंडितों के दर्द तक सब कुछ फिल्मों के जिम्मे छोड़ देना चाहते हैं? तथ्यों और सच्चाई से मुंह फेरे मोदी सरकार को आखिर कब अपनी जिम्मेदारियों का एहसास होगा? आखिर कब तक केवल झूठ, नफरत और बंटवारे में ही राजनीतिक अवसर तलाशते रहेंगे?
भाजपा ने इस त्रासदी को मौन समर्थन दिया
सुरजेवाला ने कश्मीरी पंडितों के साथ अत्याचार को भाजपा के मौन समर्थन की बात करते हुए कहा कि जब कश्मीरी पंडितों को सताया जा रहा था और भाजपा समर्थित सरकार के तहत भाग रहे थे, राजीव गांधी ने संसद का घेराव किया और आवाज उठाई। लेकिन भाजपा ने इस त्रासदी को मौन समर्थन दिया, राजनीतिक लाभ के लिए ‘रथ यात्रा’ निकाली।
आपके नेता हर बार अंग्रेजों के साथ खड़े रहे
सुरजेवाला ने कहा कि आपका पितृ संगठन 1925 में गठन से लेकर 1947 तक देश के स्वतंत्रता आंदोलन और बापू के खिलाफ खड़ा रहा। ‘असहयोग आंदोलन’ हो, ‘सविनय अवज्ञा’ हो या ‘भारत छोड़ो’ का देशव्यापी आंदोलन होङ्घहर बार अंग्रेजों के साथ खड़े रहे। जब देश आजाद हुआ तो पहले दिन से ‘बांटो और राज करो’ अपना लिया।
राजनीतिक फायदे के लिए निकालते रहे रथ यात्रा
सुरजेवाला ने कहा कि याद करें, भाजपा समर्थित सरकार में जब कश्मीरी पंडितों का उत्पीड़न और पलायन हो रहा था तब राजीव गांधी ने संसद का घेराव किया, उनकी आवाज उठाई। मगर भाजपा ने इस त्रासदी को मौन समर्थन दिया, राजनीतिक फायदे के लिए ‘रथ यात्रा’ निकालते रहे। ये तब भी वैसे थे और अब भी वैसे ही हैं।
8 सालों में मोदी सरकार ने क्या किया
सुरजेवाला ने कहा कि 8 सालों में मोदी सरकार ने कश्मीरी पंडितों के पुनर्वास के लिए क्या किया? कश्मीर में फिर से हालात बद्तर हुए, हिंसा बढ़ी और हजारों कश्मीरियों को पलायन करना पड़ा। जब कश्मीरी पंडितों के लिए कुछ नहीं कर सके तो फिल्म दिखाने में जुट गए? नफरत की खेती से फायदे की फसल कब तक?