हम कांग्रेस में किराएदार नहीं, हिस्सेदार है अगर कोई धक्का देकर निकाले तो दूसरी बात: पार्टी छोड़ने के सवाल पर बोले तिवारी
चंडीगढ़। पूर्व केन्द्रीय मंत्री अश्विनी कुमार के कांग्रेस छोड़ने के बाद अब पार्टी के वरिष्ठ नेता मनीष तिवारी का बड़ा बयान सामने आया है। उन्होंने पार्टी छोड़ने की अटकालों को खारिज करते हुए कहा कि मैंने यह बात पहले भी कई बार कही है। हम कांग्रेस पार्टी में किराएदार थोड़ी हैं, हम हिस्सेदार हैं। अगर कोई धक्का देकर निकालेगा तो दूसरी बात है। हमारे परिवार ने पार्टी के लिए खून बहाया है।
मनीष तिवारी ने कहा कि जहां तक हमारा सवाल है, हमने जिंदगी के 40 साल इस पार्टी को दिए हैं। हमारे परिवार ने इस देश की एकता और अखंडता के लिए खून बहाया है। हम एक विचारात्मक सोच में विश्वास रखते हैं। ऐसे में अगर कोई धकेल के निकालना चाहे तो दूसरी बात है। वहीं उन्होंने पूर्व कानून मंत्री अश्विनी कुमार के पार्टी छोड़ने को दुर्भाग्यपूर्ण बताया। उन्होंने कहा कि जब भी कोई नेता कांग्रेस छोड़कर जाता है तो पार्टी का नुकसान होता है।
आगे उन्होंने कहा कि राज्यसभा की एक सीट लोगों से बहुत कुछ करवाती है। मनीष तिवारी ने स्वीकार किया है कि यह गंभीर मुद्दा है। बातों ही बातों में उन्होंने कहा कि अगर सेखड़ी कांग्रेस छोड़ गए हैं, तो शायद इसके पीछे वे कोई सियासी लाभ ढूंढ रहे होंगे। उन्होंने कहा कि कैप्टन अमरिंदर सिंह से उनके निजी रिश्ते हैं। वह पहले भी उनके साथ मुलाकात करते थे और उनके कांग्रेस छोड़ने के बाद भी बात होती है।
तिवारी बोले- पगड़ी पर नहीं होनी चाहिए राजनीति
इससे पहले बुधवार को लुधियाना में तिवारी ने पगड़ी को पंजाब की शान बताया था। उन्होंने कहा, ”पगड़ी पंजाब की शान है। इसलिए इसे पहनने पर राजनीति नहीं होनी चाहिए।” इस बयान पर जहां कुछ कांग्रेस नेताओं ने कहा कि वह मोदी और केजरीवाल का जिक्र कर रहे हैं, जो मंच पर पगड़ी पहनते हैं। वहीं यह भी कहा गया कि तिवारी प्रियंका गांधी पर कटाक्ष कर रहे हैं।
कैप्टन के हैं करीबी
बता दें कि कांग्रेस ने इस बार पंजाब विधानसभा चुनाव में मनीष तिवारी को स्टार प्रचारकों की सूची में शामिल नहीं किया है। मनीष तिवारी पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के करीबी हैं। वह खुलकर इस बात को स्वीकार करते हैं। एक न्यूज चैनल से बात करते वक्त मनीष तिवारी ने कहा कि कांग्रेस के स्टार प्रचारकों में ऐसे नाम भी शामिल हैं, जिनके कहने पर उनकी पत्नी तक वोट नहीं देंगी।