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क्या अपने वादे से पलट जाएंगे पीके! राहुल-प्रियंका से मुलाकात के बाद लग रहे यह कयास, जानें क्या था मामला

नई दिल्ली। पांच राज्यों में मिली करारी हार के बाद अब कांग्रेस ने गुजरात का रुख किया है। ऐसे में अब खबरें आ रही हैं कि चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर अब कांग्रेस के लिए एक नई उम्मीद की किरण लेकर आ सकते हैं। इसके लिए उन्होंने राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा से मुलाकात की है। कांग्रेस के दो नेताओं ने इस मुलाकात की पुष्टि भी की है। हालांकि, इस बैठक पर अभी तक कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है।

बता दें कि साल के अंत में गुजरात में विधानसभा चुनाव होने वाला है। कयास लगाए जा रहे हैं कि प्रशांत किशोर कांग्रेस पार्टी अभियान के लिए काम करने के लिए राहुल गांधी से मिले हैं। साल 2021 में अलग होने के बाद प्रशांत किशोर अब पार्टी से जुड़ सकते हैं। बता दें कि पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के नतीजे सामने आने के बाद प्रशांत किशोर ने कहा था कि वह चुनावी रणनीतिकार के रूप में अब आगे किसी दल के लिए काम नहीं करेंगे।

हालांकि, अटकलों पर गौर करें तो कांग्रेस पार्टी के साथ उनकी बातचीत जारी है। वह पहले गुजरात और फिर 2024 के लोकसभा चुनाव में पार्टी के लिए काम कर सकते हैं। एक रिपोर्ट के मुताबिक, पीके के साथ यह बैठक गांधी परिवार के अन्य चुनावी रणनीतिकार सुनील कनुगोलू के साथ मुलाकात के एक दिन बाद हुई थी। दोनों नेताओं ने कहा कि प्रशांत किशोर की मुलाकात उनके गुजरात अभियान पर कांग्रेस पार्टी के साथ काम करने के बारे में थी।





‘अंतिम फैसला राहुल गांधी का होगा’
रिपोर्ट की मानें तो प्रशांत किशोर ने केवल गुजरात विधानसभा चुनाव में काम करने के लिए कांग्रेस के सामने प्रस्ताव रखा है। लेकिन अभी तक पार्टी ने इस पेशकश पर कोई विचार नहीं किया है और न ही कोई फैसला लिया गया है. हालांकि कुछ कांग्रेस नेता उनके पार्टी में आने से खुश हैं तो प्रशांत किशोर के कुछ करीबी लोगों ने इसका खंडन भी किया है। अब इस को लेकर अंतिम फैसला राहुल गांधी का होगा।

कांग्रेस नेतृत्व को अब जिस सवाल पर काम करना है, वह यह है कि क्या कनुगोलू और किशोर दोनों साथ काम कर सकते हैं? कांग्रेस के दोनों नेताओं ने कहा, कांग्रेस दोनों के लिए काम करने के लिए काफी बड़ी पार्टी है। कनुगोलु मुख्य रूप से अगले साल कर्नाटक चुनावों पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं, लेकिन उन्हें एक नए सेल का नेतृत्व करने की उम्मीद है जो सभी चुनावी रणनीति को देखता है। एचटी को पता चला है कि कनुगोलू ने गांधी परिवार को बता दिया है कि अगर प्रशांत किशोर गुजरात और हिमाचल प्रदेश में पार्टी का मुद्दा उठाते हैं तो उन्हें कोई आपत्ति नहीं होगी।

कड़वाहट की यह थी वजह
साथ ही प्रियंका गांधी वाड्रा ने इस बात का जिक्र किया था कि प्रशांत किशोर के पिछले साल कांग्रेस में शामिल होने की वास्तविक संभावना थी, लेकिन यह साझेदारी कई कारणों से खत्म हो गई। बता दें कि दोनों के बीच कड़वाहट उस वक़्त आई जब प्रशांत किशोर ने कांग्रेस पर तीखे हमले किये थे और सार्वजनिक रूप से कहा था कि कांग्रेस का नेतृत्व करने के लिए किसी भी व्यक्ति का दैवीय अधिकार” नहीं था, खासकर जब पार्टी पिछले 10 सालों में 90 प्रतिशत से अधिक वोटों से हार गई हो।

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