सिद्धू समर्थित विधायकों में पड़ी फूट: 20 में से 7 ने किया किनारा
चंडीगढ़। पंजाब कांग्रेस (Punjab Congress) में दो नेताओं के बीच छिड़ी सियासी जंग (political battle) खत्म होने का नाम नहीं ले रही है। प्रदेश अध्यक्ष की कमान संभालने के बाद नवजोत सिंह सिद्धू (Navjot Singh Sidhu) का खेमा एक बार फिर मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह (Chief Minister Captain Amarinder Singh) के खिलाफ बगावत पर उतर आया है। सूत्रों से खबर आ रही है कि सिद्धू समर्थक चार मंत्रियों और तकरीबन 20 विधायकों ने प्रदेश कांग्रेस कार्यालय (Pradesh Congress Office) में सिद्धू के साथ साथ पार्टी के अन्य नेताओं ने एक बैठक भी की है।
बताया जा रहा है कि सिद्धू के साथ मंत्रियों और विधायकों ने बैठक कर अमरिंदर सिंह को सीएम पद से हटाने की मांग की है। बागी विधायकों और मंत्रियों का पांच सदस्यीय मंडल पार्टी हाईकमान से मुलाकात कर CM बदलने की मांग करने वाला है। हालांकि ऐसी खबरें भी हैं कि पंजाब कांग्रेस के 20 विधायकों और पूर्व विधायकों में से सात, जिन्हें कथित तौर पर मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह को हटाने की मांग के पक्ष में बताया गया था, उन्होंने इस तरह के किसी भी कदम से खुद को पूरी तरह से अलग कर लिया है।
पार्टी में दरार डालने रची जा रही साजिश
इन सात नेताओं ने मामले को ‘पार्टी के भीतर दरार डालने की कोशिश में लगे एक तबके द्वारा रची गई साजिश’ का हिस्सा करार देते हुए पूरी तरह से मामले में शामिल होने से इनकार किया है। जिसमें कुलदीप वैद (MLA), दलवीर सिंह गोल्डी (MLA), संतोख सिंह भलाईपुर (एमएलए), अजीत सिंह मोफर (पूर्व विधायक), अंगद सिंह (विधायक), राजा वारिंग (विधायक) और गुरकीरत सिंह कोटली (MLA) शामिल हैं।
बैठक की जानकारी देते हुए नवजोत सिंह सिद्धू ने लिखा कि पंजाब प्रदेश कांग्रेस कमेटी के कार्यालय में पार्टी के लोगों से मुलाकात की। उन्होंने ट्वीट किया कि त्रिपत बाजवा जी का फोन आया जिसमें उन्होंने आपात बैठक बुलाने के लिए कहा, पीपीसीसी कार्यालय में अन्य साथियों के साथ उनसे मुलाकात की। उन्होंने आगे लिखा कि आलाकमान को स्थिति से अवगत कराएंगे। ऐसे में सिद्धू के ट्वीट के बाद से ही पंजाब की राजनीति में हलचल मची हुई है।