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पंजाब आपरेशन पूरा: अब कांग्रेस आलाकमान छग और राजस्थान की ओर करेगा रुख, तैयारी पूरी

नई दिल्ली। पंजाब (Punjab) में कांग्रेस (Congress) का आपरेशन पूरा होने के बाद अब पार्टी शासित दूसरे राज्यों में हलचल तेज होने लगी है। ऐसे में अब कांग्रेस आलाकमान (Congress high command) राजस्थान और छत्तीसगढ़ (Rajasthan and Chhattisgarh) पर फोकस कर सकता है। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक आलाकमान ने नेतृत्व परिवर्तन के लिए पूरी तैयारी भी कर ली है और यूपी-पंजाब समेत पांच राज्यों होने विधानसभा चुनाव (Assembly elections) से पहले इन दोनों राज्यों को नया मुख्यमंत्री मिल सकता है।

राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत (CM Ashok Gehlot) और सचिन पायलट (Sachin Pilot) कैंप के बीच जारी खींचतान को मिटाने के लिए आलाकमान अब सख्त फैसले लिए जाने की ओर है। इसको लेकर बीते शुक्रवार को कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) और राजस्थान के पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट (Former Deputy Chief Minister Sachin Pilot) के बीच लंबी बैठक भी हुई थी। इन दोनों नेताओं के बीच बैठक से इस बात को और बल रहा है कि नेतृत्व और मंत्रिमंडल में फेरबदल कर नए चेहरों को मौका दिया जा सकता है। साथ ही विवादित और जनता के बीच काम न करने वाले चेहरों को बाहर का रास्ता दिखाया जाना तय है।

पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि राजस्थान में बदलाव का ब्लू प्रिंट (blue print) तैयार कर लिया गया है। जल्द ही इस पर अमल शुरू हो जाएगा। पार्टी सूत्रों का कहना है कि राजस्थान में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत जल्द अपने मंत्रिमंडल का विस्तार कर पायलट के भरोसेमंद विधायकों को शामिल करेंगे। पर मुख्यमंत्री पद में बदलाव पांच राज्यों के चुनाव के बाद होगा। सूत्रों के अनुसार अब मंत्रिमंडल फेरबदल से लेकर सत्ता-संगठन की नियुक्तियों में पायलट समर्थकों को भी मौका मिलेगा। वहीं, शेयरिंग फॉमूर्ले के हिसाब से पायलट गुट अपनी भागीदारी चाहता है।

वहीं छत्तीसगढ़ की बात करें तो छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री बदलने को लेकर कांग्रेस में मंथन जारी है। पिछले कई हफ्तों से सीएम भूपेश बघेल (CM Bhupesh Baghel) और टीएस सिंह देव (TS Singh Deo) के बीच जारी घमासान को शांत करने की पूरी कोशिश हो रही है। इसी मामले को लेकर पार्टी आलाकमान ने दोनों सीनियर नेताओं (senior leaders) को दिल्ली बुलाया था, जहां राहुल गांधी ने उनसे मुलाकात की थी। वहीं अब राजस्थान की तरह छत्तीसगढ़ में लगाया जा रहा है कि दोनों नेताओं के बीच घमासान को शांत करने के लिए नेतृत्व के साथ मंत्रिमंडल में भी बड़ा बदलाव कर सकती है।

बता दें कि पंजाब में कैप्टन अमरिंदर सिंह (Capt Amarinder Singh) की जगह चरणजीत सिंह चन्नी (Charanjit Singh Channi) को मुख्यमंत्री बनाकर कांग्रेस हाईकमान अपना रुतबा साबित करने में सफल रही है। इस बदलाव के जरिए पार्टी नेतृत्व यह संदेश देने में सफल रही है कि विधायक मुख्यमंत्री के बजाए उसके कहने पर अपना नेता तय करेंगे। पार्टी इस बदलाव को पीढ़ी परिवर्तन के तौर पर देख रही है। कांग्रेस ने करीब 80 साल के कैप्टन को हटाकर उनकी जगह 58 साल के चन्नी को मौका दिया है। राजस्थान में भी पार्टी इसी रणनीति पर काम कर रही है। पार्टी 70 साल के गहलोत की जगह 44 साल के सचिन पायलट पर दांव लगाना चाहती है।

2024 का लोकसभा चुनाव कांग्रेस के लिए जीतना जरूरी
प्रदेश कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि राजस्थान में मुकाबला भाजपा से है। ऐसे में वर्ष 2024 का चुनाव जीतने के लिए विधानसभा जीतना बेहद जरूरी है। क्योंकि, 2018 में सरकार बनाने के बावजूद पार्टी 2019 के लोकसभा में सभी 25 सीट हार गई थी। ऐसे में पार्टी को कम से कम एक-डेढ़ साल पहले राजस्थान में बदलाव करना होगा। पायलट काफी समय से मुख्यमंत्री पद पर अपनी दावेदारी जता रहे हैं। हर बार विधायकों में कम समर्थन के चलते बात टल जाती थी। पर पंजाब में कांग्रेस ने इस फामूर्ले को बदल दिया है। ऐसे में राजस्थान में बदलाव लगभग तय है।

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