5 राज्यों में करारी हार के बाद भविष्य को लेकर चिंतित कांग्रेस: चिंतन शिविर से पहले सोनिया ने बुलाई CWC की बैठक
नई दिल्ली। पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव में मिली करारी हार के बाद देश की सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस अपने भविष्य को लेकर चिंतित हो गई है। हार से चिंतित पार्टी हाईकमान कांग्रेस में एक बार जान फूंकने की कोशिश में जुट गया है। पार्टी के भविष्य की रणनीति तैयार करने के लिए कांग्रेस नेता ‘चिंतन शिविर’ करने वाले हैं। हालांकि इससे पहले कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक बुला ली है। बता दें कि पिछली सीडब्ल्यूसी की बैठक में, पार्टी द्वारा पांच राज्यों में हाल ही में हुए विधानसभा चुनावों में पार्टी के खराब प्रदर्शन के बाद हार की समीक्षा कर सुधार के लिए रणनीति तैयार करने के लिए ‘चिंतन शिविर’ बुलाने का निर्णय लिया गया था।
गुजरात या हिमाचल में होगा चिंतन शिविर!
सूत्र ने कहा कि सबसे पुरानी पार्टी इस पर गंभीरता से विचार कर रही है कि यह स्थल गुजरात या हिमाचल प्रदेश जैसे चुनावी राज्यों में होना चाहिए, जहां साल के अंत में चुनाव होने हैं। 13 मार्च को हुई सीडब्ल्यूसी बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने भी पार्टी नेताओं के साथ विचार-विमर्श किया था। इनमें जी-23 के नेता भी शामिल थे, जो मौजूदा नेतृत्व की आलोचना करते हैं और संगठनात्मक बदलाव की मांग कर रहे हैं।
सिर्फ दो राज्यों में सिमटी कांग्रेस
दरअसल देश की सबसे पुरानी पार्टी रही कांग्रेस वर्तमान समय में नाजुक हालात से गुजर रही है। पार्टी अब केवल दो राज्यों राजस्थान और छत्तीसगढ़ में सत्ता में है और महाराष्ट्र और झारखंड में सत्तारूढ़ गठबंधन का हिस्सा है। पार्टी के एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने बताया कि पार्टी ‘चिंतन शिविर’ के मुद्दों और तारीखों को अंतिम रूप देने की प्रक्रिया में हैं। चिंतन शिविर की तैयारी को लेकर पहले भी कई बैठकें हो चुकी हैं। कांग्रेस वार रूम में मंगलवार को हुई बैठक में वरिष्ठ नेता अंबिका सोनी, जयराम रमेश, मुकुल वासनिक और पार्टी महासचिव संगठन केसी वेणुगोपाल चिंतन शिविर की तैयारियों पर विचार विमर्श किया।
कांग्रेस वार रूम में तैयारियों पर हुई बातचीत
चिंतन शिविर की तैयारी को लेकर पहले भी कई बैठकें हो चुकी हैं। कांग्रेस वार रूम में मंगलवार को हुई बैठक में वरिष्ठ नेता अंबिका सोनी, जयराम रमेश, मुकुल वासनिक और पार्टी महासचिव संगठन केसी वेणुगोपाल ने चिंतन शिविर की तैयारियों को लेकर चर्चा की। पार्टी के सूत्र के अनुसार, दो-तीन दिनों के भीतर ‘चिंतन शिविर’ के अंतिम प्रस्ताव जैसे एजेंडा, तारीख और स्थल पर काम समाप्त हो जाएगा।
पिछले महीने हुई थी सीडब्यूसी की बैठक
बता दें कि इससे पहले पार्टी ने पांच राज्यों में चुनाव में हार के बाद 13 मार्च को सीडब्ल्यूसी की बैठक बुलाई थी, जिसमें यह निर्णय लिया गया था कि हार का आकलन करने और भविष्य के रोड मैप को तैयार करने के लिए एक ‘चिंतन शिविर’ आयोजित किया जाएगा।