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जी-23 ग्रुप ने कांग्रेस को दिया बड़ा झटका: जम्मू-कश्मीर में 20 नेताओं ने छोड़ी पार्टी, सभी हैं आजाद समर्थक

जम्मू श्रीनगर। कांग्रेस (Congress) में बदलाव की मांग को लेकर मीडिया के सामने शीर्ष नेतृत्व (top leadership) को खरी-खोटी सुनाने वाले G-23 समूह ने पार्टी पर पहली चोट कर दी है। खबर के मुताबिक जम्मू-कश्मीर के 4 पूर्व मंत्रियों और तीन विधायकों (4 former ministers and three MLAs of Jammu&Kashmir) समेत करीब 20 नेताओं ने पार्टी छोड़ने का ऐलान कर दिया है। जिन पूर्व मंत्रियों और विधायकों ने शीर्ष नेतृत्व को पत्र लिखकर पार्टी छोड़ने की घोषणा की है, वह सभी गुनाम नबी आजाद (Gunam Nabi Azad) के समर्थक हैं। नेताओं के इस्तीफे का सबसे बड़ा कारण मौजूदा पीसीसी अध्यक्ष (PCC Chairman) हैं और उन्हीं के खिलाफ बगावत का झंडा उठाया है। जबकि कांग्रेस नेताओं ने इस बात को सिरे से खारिज कर दिया है।

नेताओं ने वर्तमान अध्यक्ष गुलाम अहमद मीर (Ghulam Ahmed Mir) के खिलाफ गंभीर सवाल उठाए, उनकी प्रतिष्ठा को दागी बताया है। कश्मीर में कुख्यात सेक्स स्कैंडल (infamous sex scandal) में शामिल होने के आरोप में मीर 2005 में 12 महीने जेल में काट चुका है। जम्मू के साथ-साथ कश्मीर घाटी के वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं के अनुसार, पूर्व मंत्रियों और विधायकों ने जम्मू-कश्मीर में पार्टी के मामलों के बारे में सुनने का अवसर नहीं देने के विरोध में सभी पदों से अपना संयुक्त इस्तीफा सौंप दिया।

इस्तीफे को AICC अध्यक्ष सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) को संबोधित किया गया है और उसी की कॉपी राहुल गांधी (Rahul Gandhi) के साथ-साथ जम्मू-कश्मीर के एआईसीसी प्रभारी सचिव रजनी पाटिल (AICC in-charge secretary Rajni Patil) को भी भेजी गई है। पार्टी से जिन लोगों ने इस्तीफा दिया है, उनमें प्रमुख नाम जीएम सरूरी, विकार रसूल और डॉ. मनोहरलाल शर्मा के हैं। इसके अलावा पूर्व विधायकों जुगल किशोर शर्मा, गुलाम नबी मोगा, नरेश गुप्ता, मोहम्मद आमीन भट और सुभाष गुप्ता ने भी पार्टी छोड़ दी है। मोगा और रसूल ने इस बात की पुष्टि की है कि उन्होंने इस्तीफे के साथ ही पार्टी लीडरशिप को बदलाव के लिए खत लिखा है।





जम्मू-कश्मीर में जल्दी ही विधानसभा चुनाव होने के कयास लगाए जा रहे हैं और उससे पहले कांग्रेस को यह बड़ा झटका लगना चिंता की बात है। मोगा और रसूल ने इस बात की पुष्टि की है कि उन्होंने इस्तीफे के साथ ही पार्टी लीडरशिप को बदलाव के लिए खत लिखा है। प्रदेश अध्यक्ष गुलाम अहमद मीर का नाम लिए बिना ही रसूल ने उन पर निशाना साधा। रसूल ने कहा, कि उन्हें तीन साल के लिए प्रदेश अध्यक्ष बनाया जा रहा है। लेकिन अब 7 साल हो गए हैं। लेकिन अब हमने पार्टी लीडरशिप को साफ तौर पर बता दिया है कि यदि नेतृत्व परिवर्तन नहीं किया गया तो फिर हम कोई जिम्मेदारी नहीं संभालेंगे।

‘पार्टी को कुछ लोगों ने किया हाईजैक, हर चुनाव में मिल रही हार’
इन नेताओं ने कहा कि कुछ लोगों ने जम्मू कश्मीर में पार्टी को हाईजैक कर लिया है। प्रदेश में बिना नेताओं से सलाह मशविरे के ही मनमाने ढंग से पद बांटे जा रहे हैं। नेताओं ने कहा कि पार्टी को लगातार चुनावों में हार का सामना करना पड़ रहा है। पहले हमें 2019 के आम चुनावों में हार का सामना करना पड़ा और फिर पंचायत चुनावों में भी बुरा हाल हो गया

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