महाराष्ट्र: मराठवाड़ा में भारी बारिश से बड़ी तबाही, 13 लोगों की गई जान, गांवों में बने बाढ़ जैसे हालात
लातूर। महाराष्ट्र (Maharashtra) के मराठवाड़ा (Marathwada) में कल मंगलवार से भारी बारिश (Havy Rain) का कहर जारी है। इस दौरान अब तक बाढ़ और बिजली गिरने से एक दर्जन से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। निचले इलाकों में नदी के किनारे बसे गांवों में बाढ़ (floods in villages) जैसे हालात हो गए हैं। लोगों को राहत देने के लिए एनडीआरएफ (NDRF) की टीमें, हेलीकॉप्टर और नावों का सहारा लिया जा रहा है। अब तक 550 से अधिक लोगों को रेस्क्यू कर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है।
मराठवाड़ा के आठ जिले औरंगाबाद, लातूर, उस्मानाबाद, परभणी, नांदेड, बीड, जालना और हिंगोली में भारी तबाही हुई है। अधिकारियों ने बताया कि हुई मूसलाधार बारिश में कई घर क्षतिग्रस्त हो गए सैंकड़ों मवेशी पानी में बह गए। अधिकारी ने कहा कि मराठावाड़ा बारहमासी सूखाग्रस्त (Marathwada perennial drought prone) क्षेत्र माना जाता है लेकिन यहां बारिश ने कहर बरपा दिया है। अधिकारी ने आगे कहा कि बोट के जरिए मंजारा नदी (Manjara River) के किनारे सरसा गांव से 47 लोगों का रेस्क्यू किया गया। उन्होंने बताया कि रेनापुर में दिगोल देशमुख क्षेत्र से तीन लोगों का रेस्क्यू किया गया।
अधिकारियों बताया कि मंजारा बांध से सटे इलाकों में भारी बारिश के कारण जलस्तर बढ़ने के बाद मंगलवार को पानी की निकासी के लिए मंजारा बांध के सभी 18 और मजलगांव बांध (Majalgaon Dam) के 11 गेट खोल दिए, जिससे 78,397 क्यूसेक 80,534 क्यूसेक पानी छोड़ा गया। इस कारण बीड जिले के कुछ गांवों में बाढ़ आ गई जबकि पड़ोसी जिलों में अलर्ट जारी कर दिया गया है।
लातूर में हुई भारी बारिश
अधिकारियों के मुताबिक, लातूर की 10 तहसीलों में से 6 में भारी बारिश हुई। इसके चलते नदियों और नालों में बाढ़ जैसी स्थिति बन गई। ऐसे में प्रशासन को केह तहसील के धनेगांव में मंजारा बांध के 18 गेट को खोल कर 70,845.30 क्यूसेक पानी छोड़ना पड़ा. हालांकि, बुधवार को मंजारा बांध के 12 गेट बंद कर दिए गए।
हेलीकॉप्टर को तैनात किया गया है
जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी साकिब उस्मानी ने बताया कि राज्य सिंचाई विभाग के तीन कर्मचारी घंसारगांव बैराज में फंसे हैं और NDRF के एक दल तथा एक हेलीकॉप्टर को उन्हें बचाने के लिए तैनात किया गया है। मुंबई और उपनगरों में मंगलवार को भारी बारिश हुई, लेकिन अब तक जल-जमाव की कोई बड़ी घटना नहीं हुई है और उपनगरीय ट्रेनों सहित सार्वजनिक परिवहन सेवाएं सामान्य रूप से जारी हैं।