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देश में फिर लगेंगे कड़े प्रतिबंध: डेल्टा से तीन गुना खतरनाक ओमिक्रॉन, केन्द्र ने राज्यों को पत्र दी यह बड़ी चेतावनी

नई दिल्ली। देशे में कोरोना (Corona) के नए वैरिएंट ओमिक्रॉन (New Variants Omicron) की रफ्तार तेज गति से बढ़ने लगी लगी है। देश के 14 राज्यों अब तक नए वैरिएंट के 200 से अधिक मामले मिले चुके हैं। ओमिक्रॉन के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए भारत (India) में एक बार फिर कड़े प्रतिबंध (strict restrictions) लगाए जा सकते हैं। इस संदर्भ में भारत सरकार (Indian government) ने राज्यों को पत्र भी लिखा है। केन्द्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण (Union Health Secretary Rajesh Bhushan) ने सभी राज्यों को पत्र लिखकर कहा है कि कोरोना का नया वैरिएंट ओमिक्रॉन डेल्टा से तीन गुना खतरनाक है। जिसको देखते हुए सभी राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों को इस महारामारी से निपटने के लिए सख्त और त्वरित कदम उठाने की जरूरत है।

भूषण ने कहा है कि वर्तमान वैज्ञानिक प्रमाणों के आधार पर, वीओसी ओमिक्रॉन (VOC Omicron) डेल्टा वीओसी (Delta VOC) की तुलना में कम से कम 3 गुना अधिक संक्रामक है। डेल्टा वीओसी अभी भी देश के विभिन्न हिस्सों में मौजूद है। इसलिए स्थानीय और जिला स्तर पर अधिक दूरदर्शिता, डेटा विश्लेषण, तेजी से निर्णय लेने और सख्त और त्वरित नियंत्रण कार्रवाई की आवश्यकता है। उन्होंने आगे कहा कि जहां पिछले एक सप्ताह में टेस्ट पॉजिटिविटी रेट (test positivity rate) 10 प्रतिशत या उससे अधिक है और आक्सीजन समर्थित या आईसीयू बेड (ICU beds) पर 40 प्रतिशत तक या उससे अधिक भरे हुए हैं, वहां जिला स्तर पर रोकथाम के उपाय और प्रतिबंध लगाए जाने चाहिए।

इमरजेंसी आपरेशन सेंटर्स को करें एक्टिव
भूषण ने अपने पत्र में राज्यों को लिखा, वॉर रूम (war room), इमरजेंसी आपरेशन सेंटर्स (emergency operation center) को एक्टिव करें। केस ट्रेंड्स का एनालिसिस करें। भले ही केस कम हों, जिला और स्थानीय स्तर पर सक्रिय कार्रवाई करते रहें। फील्ड अधिकारियों के साथ नियमित समीक्षा करें। इन कदमों से निश्चित तौर पर संक्रमण को कम करने में मदद मिलेगी। उन्होंने आगे कहा है कि टेस्टिंग और निगरानी बढ़ाने के अलावा रात में कर्फ्यू लगाने, बड़ी सभाओं पर रोक लगाने, शादियों और अंतिम संस्कारों में लोगों की संख्या को सीमित करने जैसे कदम उठाए जाएं।





सरकार ने राज्यों को दिए ये निर्देश

  • केंद्र सचिव ने अपने पत्र में जिला स्तर पर कंटेनमेंट जोन बनाने, कंटेनमेंट जोन की सीमा तय करने, केसों की लगातार समीक्षा करने, अस्पतालों में सुविधाएं बढ़ाने जैसे जरूरी कदमों को उठाने की सलाह दी है। केंद्र ने पत्र में कहा है कि इस तरह की रणनीति से राज्य के बाकी हिस्सों में संक्रमण फैलने से पहले ही स्थानीय स्तर पर काबू में हो जाएगा।
  • कोरोना के नए क्लस्टर कंटेनमेंट जोन, बफर जोन बनाए जाएं। कंटेनमेंट में ही संक्रमण को रोकने के लिए कड़े कदम उठाए जाएं। सभी क्लस्टर में सैंपल को जीनोम सिक्वेंसिंग के लिए भेजा जाए।
  • केंद्र सरकार ने कहा, स्थानीय और जिला स्तर पर राज्य सरकारों को दूरदर्शिता, डेटा एनालिसिस के साथ सख्त और त्वरित फैसला लेने की जरूरत है।
  • केन्द्र सरकार ने कंटेनमेंट का चयन करने, टेस्ट, ट्रेक और सर्वेलांस पर फोकस करने की सलाह दी है। इतना ही नहीं राज्यों को निर्देश दिया है कि वे डोर टू डोर के सर्च, टेस्टिंग जैसे जरूरी कदम भी उठाएं, साथ ही आरटीपीसीआर टेस्टिंग की संख्या भी बढ़ाएं।
  • पत्र में कहा गया है कि अभी तक के वैज्ञानिक सबूतों से पता चला है कि ओमिक्रॉन डेल्टा से तीन गुना अधिक संक्रामक है। इतना ही नहीं भारत के कई हिस्सों में डेल्टा के भी केस सामने आ रहे हैं।
  • कोरोना के सभी मरीजों के संपर्कों की ट्रेसिंग की जाए। इसके अलावा जिला प्रशासन विदेशों से आए यात्रियों की भी निगरानी करे।
  • सभी राज्यों से बेड की संख्या बढ़ाने, एंबुलेंस और अन्य मशीनरी बढ़ाने और आॅक्सीजन और दवाओं का बफर स्टॉक बढ़ाने की भी सलाह दी गई है।
  • गाइडलाइन के मुताबिक, होम आइसोलेशन के नियमों का कड़ाई से पालन कराया जाए। होम आइसोलेशन के वक्त कॉल सेंटर और होम विजिट के द्वारा उसकी जानकारी ली जाए। इस बात का खास ख्याल रखा जाए कि होम आइसोलेशन में रहने वाले व्यक्ति से अन्य लोगों में संक्रमण न फैले।

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