एनसीएलएटी में जस्टिस चीमा ने संभाला पदभार
इससे पहले उच्चतम न्यायालय (Supreme Court) में बृहस्पतिवार को केंद्र सरकार (Central Government) ने माना था कि एनसीएलएटी के पूर्व अध्यक्ष न्यायमूर्ति अशोक इकबाल सिंह चीमा (Justice Ashok Iqbal Singh Cheema) को फैसला सुनाने के लिए 20 सितंबर तक पद पर बने रहने दिया जाएगा।
एनसीएलएटी की वाद सूची में न्यायमूर्ति चीमा की अध्यक्षता वाली दो सदस्यीय पीठ के समक्ष एक मामले को सूचीबद्ध किया गया है। मौजूदा व्यवस्था के तहत पीठ द्वारा वीडियो कॉन्फ्रेंस (Video Conference) के जरिए सुनवाई की जानी है। तकनीकी सदस्य वी पी सिंह पीठ के दूसरे सदस्य हैं।
एनसीएलएटी के पूर्व अध्यक्ष न्यायमूर्ति चीमा को 20 सितंबर को सेवानिवृत्त होना था, लेकिन उनकी जगह 11 सितंबर को ही न्यायमूर्ति एम वेणुगोपाल (Justice M Venugopal) को न्यायाधिकरण का कार्यवाहक अध्यक्ष नियुक्त कर दिया गया। इसके चलते एक अजीबोगरीब स्थिति पैदा हो गई और न्यायमूर्ति चीमा ने शीर्ष अदालत में अपील की।
अटॉर्नी जनरल के के वेणुगोपाल ने बृहस्पतिवार को मुख्य न्यायाधीश एन वी रमना और न्यायमूर्ति सूर्यकांत तथा न्यायमूर्ति हेमा कोहली की पीठ को बताया कि न्यायमूर्ति चीमा को कार्यालय जाने और फैसला सुनाने की अनुमति दी जाएगी तथा वर्तमान अध्यक्ष न्यायमूर्ति वेणुगोपाल को छुट्टी पर भेजा जाएगा, जिसके बाद चीमा की समय से पहले सेवानिवृत्ति से जुड़ा विवाद खत्म हो गया।