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उत्तराखंड में अभी ठंडी नहीं पड़ी सियासत की ताशीर, मंत्रिमंडल को लेकर रहस्य बरकरार, दावेदारों की लंबी लाइन

देहरादून। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री की कुर्सी से त्रिवेंद्र सिंह रावत की विदाई और तीरथ सिंह रावत के मुख्यमंत्री बनने के बावजूद भाजपा की सियासत की ताशीर अभी ठंडी नहीं पड़ी है। मुख्यमंत्री के नाम पर सस्पेंस खत्म होने के बाद अब नए मंत्रिमंडल को लेकर रहस्य बना हुआ है। भाजपा ने मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत के साथ किसी भी मंत्री को शपथ नहीं दिलाई। हालांकि सियासी हवाओं में छह मंत्रियों के शपथ लेने की चर्चाएं तैर रही थीं। लेकिन भाजपा विधायक मंडल दल के मुख्य सचेतक मदन कौशिक ने साफ किया कि बुधवार को केवल मुख्यमंत्री ही शपथ लेंगे। शाम साढ़े चार बजे राजभवन में तीरथ सिंह रावत को राज्यपाल ने पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई।

इसके बाद तीरथ सिंह रावत के सामने सबसे पहले यही प्रश्न पेश हुआ कि वह कैबिनेट का गठन कब कर रहे हैं? मुख्यमंत्री ने इस संबध में केंद्रीय नेतृत्व से बातचीत होने की बात कही। इसके साथ मंत्री पद की दौड़ में शामिल दावेदारों की धड़कने के भी तेज हो गई।

क्या सभी पुराने मंत्रियों की वापसी होगी?
क्या तीरथ सिंह रावत की कैबिनेट में उन सभी चेहरों की वापसी होगी जो त्रिवेंद्र रावत सरकार में कैबिनेट मंत्री थे? ये सवाल भाजपा के भीतर तैर रहा है। इस सवाल के साथ ही मंत्री पद की दौड़ में शामिल दावेदारों के दिलों की धड़कनें भी तेज हो गई हैं।

11 मंत्री बनाए जा सकते हैं
भाजपा के सूत्रों का कहना है कि तीरथ सिंह रावत की कैबिनेट का गठन अगले दो दिन में हो सकता है। मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत के मुताबिक, केंद्रीय नेतृत्व से इस बारे में बातचीत चल रही है। कैबिनेट में 11 मंत्री बनाए जाने की गुंजाइश है। त्रिवेंद्र कैबिनेट में मुख्यमंत्री के अलावा छह कैबिनेट मंत्री और दो राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) थे।

असंतोष से बचने की कोशिश
मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने कैबिनेट गठन का मसला केंद्रीय नेतृत्व के पाले में सरका दिया है। इसे कैबिनेट को लेकर असंतोष से बचने की कोशिश माना जा रहा है। केंद्रीय नेतृत्व के स्तर पर मंत्रियों के नाम तय होने से इस पर सवाल उठाना संभव नहीं होगा।

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