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पीएम ने पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे का उद्घाटन कर विपक्ष पर तीखा हमला: बोले-पहले के मुख्यमंत्रियों को मेरे साथ खड़े होने में आती थी शर्म

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने मंगलवार को उत्तरप्रदेश (Uttar Pradesh) के सुल्तानपुर में पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे (Purvanchal Expressway) का उद्घाटन किया। इस दौरान PM ने एक जनसभा को संबोधित किया। लेकिन यहां पर एक तरह से अगले साल होने विधानसभा चुनाव (Assembly elections) को लेकर उन्होंने चुनावी बिगुल (election bugle) भी फूंक दिया। जनता को संबोधित करते हुए पीएम ने SP अध्यक्ष और यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) पर जमकर हमला बोला। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि उन्होंने कहा कि पहले के मुख्यमंत्रियों को उनके साथ खड़े होने में शर्म आती थी।

अखिलेश पर आगे भी तंज कसते हुए PM ने कहा कि यूपी की जनता ने हमें 2014 में मुझे अपनी सेवा का मौका दिया। मैंने जब बारीकियों में जाना शुरू किया तो देखा कि यहां बहुत से काम हैं जो किए जाने थे, लेकिन तब यूपी में जो सरकार थी, उसने मेरा साथ नहीं दिया। इतना ही नहीं, सार्वजनिक रूप से मेरे बगल में खड़े होने में भी, उन्हें वोट बैंक (vote bank) के नाराज होने से डर लगता था।

इसके साथ ही उन्होंने सुल्तानपुर जिले के ही रहने वाले कांग्रेस के पूर्व सीएम श्रीपति मिश्र (Former Congress CM Shripati Mishra) के अपमान का भी जिक्र कर दिया। इस मौके पर श्रीपति मिश्र का नाम लेना अप्रत्याशित था, लेकिन कांग्रेस और सपा को परिवारवादी बताते हुए पीएम नरेंद्र मोदी ने उनके अपमान का मुद्दा उठाया। माना जा रहा है कि पीएम नरेंद्र मोदी इस तरह से यूपी की राजनीति में ब्राह्मण कार्ड खेल गए।

बता दें कि सुल्तानपुर यूपी के अवध क्षेत्र में आता है और इस इलाके में श्रीपति मिश्र का दबदबा रहा करता था। इसके अलावा सुल्तानपुर, रायबरेली, प्रतापगढ़, जौनपुर, लखनऊ, इलाहाबाद, बस्ती, गोंडा समेत अवध के बड़े इलाके में ब्राह्मणों की अच्छी खासी आबादी है। ऐसे में श्रीपति मिश्र के अपमान का जिक्र कर एक तरफ पीएम मोदी ने कांग्रेस पर हमला बोला तो वहीं ब्राह्मण बिरादरी को साधने की भी कोशिश की।

सपा ही नहीं, कांग्रेस पर भी मोदी का हमला
पीएम मोदी ने इस दौरान कांग्रेस को भी आड़े हाथों लिया। उन्होंने कहा कि ‘यूपी में हमने ऐसी सरकारों का दौर देखा है जिन्होंने कनेक्टिविटी की चिंता किए बिना ही बड़े बड़े सपने दिखाए। परिणाम ये हुआ कि यहां कारखानों में ताले लग गए। ये भी दुर्भाग्य रहा कि दिल्ली और लखनऊ दोनों ही जगहों पर, परिवारवादियों का ही दबदबा रहा। सालों साल तक परिवारवादियों की यही पार्टनरशिप यूपी की आकांक्षाओं को कुचलती रही।

वहीं उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Uttar Pradesh Chief Minister Yogi Adityanath) ने भी विपक्ष पर जमकर तंज कसा। उन्होंने पिछली सरकारों का जिक्र करते हुए कहा कि यूपी में भाजपा की सरकार आने से पहले तक सिर्फ बुंदेलखंड और गंगा एक्सप्रेस-वे पर तेजी से काम चल रहा है। 2017 तक लखनऊ और वाराणसी एयरपोर्ट ही थे, लेकिन अब 9 एयरपोर्ट फंक्शनल हैं और 11 पर काम चल रहा है। योगी ने भाषण के आखिर में ‘जय हिंद’ और ‘जय-जय श्रीराम’ का नारा लगाया। योगी के इस भाषण से बीजेपी की आगे की चुनावी रणनीति की झलक भी देखने को मिली। मोदी और योगी दोनों के ही भाषण से साफ हो गया कि बीजेपी अगला चुनाव ‘विकास’ और ‘हिंदुत्व’ के मुद्दे पर लड़ेगी।

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