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यूपी का रण: इंटरनेट स्पीड को कमजोर कर डिजिटल कैंपेन को किया जा जहा प्रभावित, सपा का बड़ा आरोप

नई दिल्ली लखनऊ। पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव (Assembly elections) का ऐलान हो गया है। इनमें देश का सबसे बड़ा राज्य उत्तरप्रदेश (Uttar Pradesh) भी शामिल है। वहीं चुनाव आयोग (Election commission) ने उत्तरप्रदेश में रैलियों और जनसभाओं में रोक लगाते हुए राजनीतिक पार्टियों को 15 जनवरी तक डिजिटल प्रचार (digital promotion) करने को कहा है। जिसको लेकर राजनीतिक पार्टियों (political parties) ने अपनी तैयारी भी शुरू कर दी है। इसी कड़ी में सपा (SP) ने भी डिजिटल प्रचार करने की अक्रामक तैयारी की है। इस बीच पार्टी के कुछ नेताओं ने प्रशाासन पर बड़ा आरोप लगाया है।

पार्टी नेताओं को कहना है कि सपा के मजबूत गढ़ वाले इलाकों में प्रशासन (Administration) ने इंटरनेट स्पीड (internet speed) और कनेक्टिविटी (connectivity) को कमजोर कर रहा है। ताकि पार्टी का डिजिटल कैंपेन प्रभावित हो। बता दें कि चुनाव आयोग द्वारा रैलियों और जनसभाओं में रोक लगाने के बाद समाजवादी पार्टी ने अपने चुनावी कैंपेन में बड़ा बदलाव लाते हुए अब वॉट्सऐप (whatsapp) को अपना बड़ा हथियार पर फैसला किया है। सपा के रणनीतिकारों का कहना है कि उनका फोकस छोटे-छोटे वीडियोज पर होगा, जो आसानी से डाउनलोड हो सकें और लोगों का डेटा भी कम खर्च हो। दूसरी तरफ डोर-टू-डोर कैंपेनिंग भी शुरू की जा चुकी है।

इसके साथ ही पार्टी फेसबुक (Facebook) और यूट्यूट (youtube) पर भी मजबूती के साथ काम कर रही है। पार्टी की डिजिटल विंग ने कई वॉट्सऐप ग्रुप्स तैयार किए हैं और उनके माध्यम से लाखों लोगों तक सामग्री पहुंचाई जा रही है। हर विधानसभा में सपा की ओर से 8 से 10 वॉट्सऐप ग्रुप तैयार किए गए हैं। इनमें से हर ग्रुप में 256 लोगों को जोड़ा गया है।





इसके अलावा ऐसे लोगों तक भी पार्टी ने पहुंच बनाने का प्लान तैयार किया है, जो मोबाइल आदि से दूर हैं। ऐसे में उन तक पहुंचने के लिए चौक-चौराहों पर एलईडी स्क्रीन्स लगाने का फैसला हुआ है। हालांकि यह थोड़ा महंगा तरीका होगा। समाजवादी पार्टी के एक नेता ने कहा कि यदि हम ब्लॉक लेवल पर भी स्क्रीन लगाएं तो प्रदेश भर में 25,000 की जरूरत होगी। हम जल्दी ही इस पर फैसला लेंगे। भाजपा ने बिहार चुनाव से इस फॉर्म्यूले की शुरूआत की थी। तब पार्टी ने हजारों एलईडी तमाम जगहों पर लगवाए थे।

अखिलेश यादव ने शनिवार को पार्टी के मीडिया पैनलिस्ट्स और कार्यकर्ताओं के साथ मीटिंग की। इस दौरान अखिलेश यादव ने टीम से उनके सुझाव लिए। भले ही चुनाव आयोग की ओर से 15 जनवरी को समीक्षा की जानी है, लेकिन समाजवादी पार्टी पूरे कैंपेन को ही डिजिटल मीडियम से चलाने के प्लान पर विचार कर रही है। एक सीनियर लीडर ने बताया, ‘हमारे वोटर बेस में बड़ी संख्या युवाओं और गरीबों की है। वे बड़े वीडियो डाउनलोड नहीं कर सकते क्योंकि उसमें ज्यादा डेटा खर्च होता है। इसलिए यह फैसला लिया गया है कि 100 एमबी तक के छोटे वीडियोज तैयार किए जाएं।’

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