ताज़ा ख़बर

यूपी की गर्म सियासत: सपा प्रमुख से मिले आप के संजय, लगने लगे यह सियासी कयास

लखनऊ। उत्तरप्रदेश (Uttar Pradesh) में विधानसभा चुनाव (Assembly elections) से पहले सरकार बनाने के लिए सियासी दल एक-दूसरे को अपने पाले में लाने की कोशिश में अभी से जुट गए हैं। सपा (SP) और आरएलडी (RLD) का गठबंधन तय होने के बाद अब आप सांसद संजय सिंह (AAP MP Sanjay Singh) ने सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव (SP National President Akhilesh Yadav) से मुलाकात की है। दोनों नेताओं के बीच हुई मुलाकात के बाद आप और सपा के बीच गठबंधन (alliance) को लेकर सियासी सरगर्मी तेज हो गई है। सूत्र यह भी बता रहे हैं कि दोनों नेताओं के बीच करीब एक तक बातचीत हुई है।

सूत्रों का कहना है कि दोनों नेताओं के बीच विधानसभा चुनाव गठबंधन को लेकर चर्चा हुई है लेकिन अभी तक सीट तय नहीं हो पाई है। सपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता राजेंद्र चौधरी (SP National Spokesperson Rajendra Choudhary) ने कहा कि दोनों नेताओं के बीच हुई मुलाकात को अभी गठबंधन से जोड़कर नहीं देखा जाना चाहिए। वहीं दूसरी तरफ, सपा का राष्ट्रीय लोक दल के गठबंधन लगभग तय हो गया है। हालांकि दोनों ने सीटों के बंटवारे पर पत्ते तो नहीं खोले पर चर्चा यह है कि 36 सीटों पर मंथन हुआ है। गौरतलब है कि मिशन-2022 की तैयारियों जुटे अखिलेश यादव इस बार बड़ी पार्टियों की जगह छोटे दलों से गठबंधन पर जोर दे रहे हैं।

बता दें कि संजय सिंह आम आदमी पार्टी के सांसद होने के साथ-साथ यूपी के प्रभारी भी हैं। संजय सिंह और अखिलेश यादव के बीच ये तीसरी मुलाकात थी। करीब दो महीने पहले भी अखिलेश ने संजय सिंह से मुलाकात की थी और हाल ही में मुलायम सिंह के जन्मदिन (Mulayam Singh’s birthday) पर भी दोनों के बीच मुलाकात हुई थी। हालांकि, अभी तक सीटों के बंटवारे का फॉर्मूला तय नहीं हो पाया है।

सजंय सिंह बोले- सबकी प्राथमिकता एक
अखिलेश से मुलाकात के बाद संजय सिंह ने बताया कि गठबंधन की बातचीत शुरू हो गई है, लेकिन फिलहाल कोई तय नहीं हुआ है। उन्होंने कहा कि जैसे ही सब तय हो जाएगा, इस बारे में जानकारी दे दी जाएगी। संजय सिंह ने कहा कि हम सबकी प्राथमिकता भाजपा को हराने की है। हमारी प्राथमिकता भाजपा के कुशासन और तानाशाही को हराना है। उनसे जब पूछा गया कि क्या भाजपा के खिलाफ छोटी-छोटी पार्टियां एक हो रहीं हैं और क्या उसमें आम आदमी पार्टी भी नजर आएगी? तो संजय सिंह ने जवाब देते हुए कहा कि ‘सबकी प्राथमिकता तो एक ही है।

बता दें कि रालोद से गठबंधन से पहले अखिलेश ने केशव देव मौर्य के महान दल, डा.संजय सिंह चौहान की जनवादी पार्टी (सोशलिस्ट), शरद पवार की राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी और ओमप्रकाश राजभर की सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी से गठबंधन किया है। ओमप्रकाश राजभर वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव में भाजपा के साथ थे। ओमप्रकाश राजभर गाजीपुर के हैं और आसपास के जिलों में राजभर जाति का अच्छा वोट बैंक है। जाहिर है, छोटे दलों से गठबंधन के पीछे अखिलेश की जातीय समीकरणों को साधने की रणनीति है जिसकी सफलता की कसौटी अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव के परिणाम होंगे।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button