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टोक्यो पैरालंपिक: गोल्ड से चूकी भाविना, पर खेल दिवस पर दिया भारत को बड़ा तोहफा

टोक्यो। टोक्यो पैरालंपिक (Tokyo Paralympics) में भाविनाबेन पटेल (Bhavinaben Patel) ने खेल दिवस (Sports Day) के मौके पर इतिहास रच भारत को बड़ा तोहफा दिया है। वह टेबल टेनिस की महिला सिंगल्स स्पर्धा का रजत पदक (silver medal) जीतने में सफल रहीं। गोल्ड मेडल के लिए खेले गए मैच में भाविना को दुनिया की नंबर एक खिलाड़ी चीन की यिंग झोउ (China’s Ying Zhou) के खिलाफ 0-3 से हार का सामना करना पड़ा। फाइनल मुकाबले में झाउ यिंग ने 11-7, 11-5, 11-6 से मात दी। यह मुकाबला आज सुबह खेला गया।

34 वर्षीय भाविना ने पैरालंपिक खेलों में शानदार प्रदर्शन किया और शनिवार को समेफाइनल मुकाबले में दुनिया की तीसरे नंबर की खिलाड़ी को 7-11, 11-7, 11-4, 9-11, 11-8 से हराकर भारतीय खेमे में भी सभी को चौंका दिया था। भाविना हालांकि फाइनल मैच में यह लय नहीं दिखा पाईं और झोउ के खिलाफ गोल्ड मेडल (gold medal) मैच 19 मिनट में ही गंवा दिया। इस मेडल के साथ टोक्यो पैरालंपिक गेम्स में भारत का खाता भी खुल गया।





मौजूदा पैरालंपिक खेलों में यह भारत का पहला पदक है. भाविना ने पहले गेम में झाउ यिंग को अच्छी टक्कर दी, लेकिन चीन की दो बार की पूर्व स्वर्ण पदक खिलाड़ी ने एक बार लय हासिल करने के बाद भारतीय खिलाड़ी को कोई मौका नहीं दिया और सीधे गेम में आसान जीत दर्ज की। बीजिंग और लंदन में स्वर्ण पदक सहित पैरालंपिक में पांच पदक जीतने वाली झाउ के खिलाफ भाविना जूझती नजर आईं और अपनी रणनीति को सही तरह से लागू नहीं कर पाईं।

गुजरात के मेहसाणा की भाविना पटेल ने 13 साल पहले अहमदाबाद के वस्त्रापुर इलाके में नेत्रहीन संघ में खेलना शुरू किया, जहां वह दिव्यांगों के लिए ITI की छात्रा थी। बाद में उन्होंने दृष्टिदोष वाले बच्चों को टेबल टेनिस खेलते देखा और इसी खेल को अपनाने का फैसला किया। भाविना पटेल 2011 में दुनिया की दूसरे नंबर की खिलाड़ी भी बनीं, जब उन्होंने पीटीटी थाईलैंड टेबल टेनिस चैम्पियनशिप में भारत के लिए रजत पदक जीता था। अक्ट्रबर 2013 में उन्होंने बीजिंग में एशियाई पैरा टेनिस चैम्पियनशिप में रजत पदक जीता था।

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