गैर कृषि इकाईयों में रोजगार में 29 प्रतिशत की वृद्धि
नयी दिल्ली । संगठित एवं असंगठित क्षेत्र (Organised and unorganised sector) की दस से अधिक कर्मचारियों को रोजगार देने वाली गैर कृषि इकाईयों में अप्रैल से जून 2021 की तिमाही के दाैरान वर्ष 2013-14 के बाद से अनुमानित तीन करोड़ आठ लाख लोगों को रोजगार मिला है और इसमें 29 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गयी है।
केंद्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्री भूपेंद्र यादव (Central Minster Bhupendra Yadav) ने सोमवार को यहां 10 से अधिक लोगों को रोजगार देने वाली गैर कृषि इकाईयों में रोजगार सर्वेक्षण की पहली रिपोर्ट (अप्रैल से जून 2021 ) जारी की और कहा कि सरकार के प्रयासों से अब रोजगार सर्वेक्षण (Employment Survey) की रिपोर्ट नियमित रुप से प्रत्येक तिमाही में जारी होगी। इससे सरकार को योजनायें बनाने और उन्हें लागू करने के लिए पुख्ता आंकड़े उपलब्ध हो सकेंगे।
इस रिपोर्ट का आधार वर्ष 2013 – 14 को बनाया गया है और इसमें गैर कृषि क्षेत्र के नौ उद्योगों की इकाईयों को शामिल किया गया है। इनमें विनिर्माण, निर्माण, व्यापार, परिवहन(Transporataion), शिक्षा(Education), स्वास्थ्य(Health), आवास और होटल , आईटी (IT) एवं बीपीओ (BPO) और वित्तीय सेवाएं शामिल है। रिपोर्ट के अनुसार इन उद्योगों से संबंधित इकाईयों में वर्ष 2013- 14 के बाद से अनुमानित कुल तीन करोड़ आठ लाख लोगों को रोजगार मिला है और 29 प्रतिशत की वृद्धि रही है। इस अवसर पर केंद्रीय श्रम एवं रोजगार राज्य मंत्री रामेश्वर तेली तथा मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।
रिपोर्ट के अनुसार रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने में आईटी एवं बीपीओ क्षेत्र में सर्वाधिक 152 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है जबकि स्वास्थ्य में 77 प्रतिशत, शिक्षा में 39 प्रतिशत, विनिर्माण क्षेत्र में 22 प्रतिशत, परिवहन में 68 प्रतिशत और निर्माण में 42 प्रतिशत वृद्धि हुई। हालांकि, व्यापार में रोजगार में 25 प्रतिशत, आवास और हाेटल क्षेत्र में 13 प्रतिशत की गिरावट आई है। वित्तीय सेवाओं में 48 प्रतिशत के रोजगार में वृद्धि दर देखी गई है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि रोजगार में महिलाओं की हिस्सेदारी बढ़कर 29 प्रतिशत हाे गयी है जो पहले 31 प्रतिशत से थोड़ी कम थी। इन नौ क्षेत्रों में नियमित कामगार कार्यबल का अनुमानित 88 प्रतिशत हैं। हालांकि, निर्माण क्षेत्र के 18 फीसदी कर्मचारी संविदा कर्मचारी हैं और 13 फीसदी अंशकालिक कर्मचारी हैं।