पूर्व मंत्री का आरोप: BJP की सोच हमेशा से आरक्षण को समाप्त करने की रही, सुप्रीम कोर्ट के फैसले से OBC वर्ग को लगा गहरा धक्का
भोपाल। मध्ययप्रदेश (Madhya Pradesh) में हो रहे पंचायत चुनाव (Panchayat Election) में ओबीसी (OBC) को दिए जा रहे आरक्षण पर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने रोक लगा दी है और आरक्षण को समाप्त कर चुनाव कराने के निर्देश दिए हैं। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद विपक्षी पार्टी कांग्रेस (opposition party congress) शिवराज सरकार (Shivraj Sarkar) पर हमलावर हो गई है। कांग्रेस का कहना है कि मध्यप्रदेश की सरकार ने एक बार फिर अदालत में अपना ओबीसी विरोधी चेहरा (Anti OBC Face) पेश किया है। कांग्रेस ने कहा कि अगर मध्य प्रदेश सरकार जोरदार तरीके से सुप्रीम कोर्ट में ओबीसी वर्ग का पक्ष रखती तो आरक्षण समाप्त होने की नौबत नहीं आती।
कांग्रेस विधायक (Congress MLA) और पूर्व पंचायती राज मंत्री कमलेश्वर पटेल (Former Panchayati Raj Minister Kamleshwar Patel) ने कहा कि इस फैसले से अन्य पिछड़ा वर्ग के लोगों को गहरा धक्का पहुंचा है। उन्होंने कहा कि बीजेपी की सोच हमेशा से आरक्षण को समाप्त करने की रही है। इसीलिए जानबूझकर चुनाव प्रक्रिया में संवैधानिक प्रावधानों का उल्लंघन किया गया और मामला कोर्ट में गया। पटेल ने कहा कि अपने षड्यंत्र और गलतियों और अन्य पिछड़ा वर्ग विरोधी चरित्र को छुपाने के लिए बीजेपी कांग्रेस पार्टी पर झूठे इल्जाम लगा रही है।
उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश के पंचायत चुनाव को लेकर कांग्रेस पार्टी सुप्रीम कोर्ट में या हाई कोर्ट में नहीं गई थी। इस बात को कांग्रेस पार्टी ने 6 दिसंबर को प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में स्पष्ट शब्दों में सार्वजनिक कर दिया था। संबंधित पक्षकार निजी हैसियत में माननीय अदालत में गए थे। कांग्रेस पार्टी ने ग्राम पंचायत चुनाव की प्रक्रिया के असंवैधानिक पक्षों का विरोध किया था और उन्हें सार्वजनिक किया था लेकिन कांग्रेस ने चुनाव का विरोध नहीं किया था।
पूर्व मंत्री पटेल ने कहा, ह्यसुप्रीम कोर्ट में पक्षकारों ने रोटेशन प्रणाली पर सवाल उठाया था जो कि ओबीसी आरक्षण से भिन्न विषय है. जब सुप्रीम कोर्ट ने ओबीसी आरक्षण खत्म करने का फैसला सुनाया तो यह मध्य प्रदेश सरकार की जिम्मेदारी थी कि वह आरक्षण के समर्थन में उचित तर्क कोर्ट में पेश करती। उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश की भारतीय जनता पार्टी सरकार का रवैया ओबीसी विरोधी है। नौकरियों में आरक्षण के मामले में हाई कोर्ट में चल रही सुनवाई में भी सरकार की ओर से वकील पेश नहीं हुए और मामले की सुनवाई अनिश्चितकाल के लिए टल गई।