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अमरावती में बोले भागवत: मानतवा की रक्षा के लिए सभी समुदायों को आना होगा साथ, हिंसा से नहीं होगा किसी को लाभ

अमरावती। आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने देश में बीते दिनों हुई को लेकर बड़ा बयान दिया। अमरावती में एक कार्यक्रम में भाग लेने पहुंचे आरएसएस प्रमुख ने कहा कि हिंसा से किसी को लाभ नहीं होता। मानवता की रक्षा के लिए सभी समुदायों को एकसाथ आना चाहिए। मोहन भागवत का ये बयान ऐसे समय पर आया है जब राम नवमी और हनुमान जयंती पर लगभग देश के आधा दर्जन राज्यों में सांप्रदायिक हिंसा की घटनाएं हुई हैं जिनमें बीजेपी शासित मध्य प्रदेश और गुजरात भी शामिल है।

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मोहन भागवत ने कहा कि जरूरत इस बात की है कि हर समाज के लोगों को साथ लाया जाए जिससे इंसानियत बची रहे। जिन देशों को हिंसा प्यारी है वो अपने आखिरी दिन गिन रहे हैं। हमें हमेंशा अहिंसावादी और शांतिप्रिय रहना चाहिए। हम सभी को इस काम को प्राथमिकता के आधार पर करने की जरूरत है। इसके लिए जरूरी है कि समाज के हर वर्ग के लोगों को साथ लाया जाए ताकि इंसानियत बची रहे।





सिंधि विवि स्थापित करने की आवश्यकता
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए भागवत ने सिधी भाषा और संस्कृति के अस्तित्व को सुनिश्चित करने के लिए देश में एक सिंधी विश्वविद्यालय स्थापित करने की आवश्यकता को भी रेखांकित किया। आरएसएस प्रमुख ने कहा कि भारत एक बहुभाषी देश है और प्रत्येक भाषा का अपना महत्व है। आरएसएस नेता ने कहा, कुछ सिंधी भाई अपने धर्म और जमीन की रक्षा के लिए पाकिस्तान में रुक गए थे और कई लोग जमीन की कीमत पर अपने धर्म की रक्षा के लिए भारत आये।

केन्द्र सरकार पर बनाना होगा दबाव
उन्होंने कहा कि सिंधी समुदाय को केंद्र सरकार पर विश्वविद्यालय की मांग पूरी करने के लिए दबाव बनाना होगा। उन्होंने कहा, समाज एक ंिसधी विश्वविद्यालय और एक अखंड भारत के लिए इच्छुक है। ये भावनाएं इस मंच पर भी व्यक्त की गईं। मुझसे ंिसधी विश्वविद्यालय के लिए प्रयास करने की अपील की गई, लेकिन मैं सरकार का हिस्सा नहीं हूं। उन्होंने कहा, यह सरकार हो या कोई अन्य, यह समाज के दबाव पर काम करती है। सामाजिक दबाव सरकार के लिए पेट्रोल की तरह है।

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