मध्यप्रदेश

JMB आतंकियों पर अब और कसेगा शिकंजा: गृह मंत्रालय ने जांच की जिम्मेदारी NIA को सौंपी, आदेश जारी

भोपाल। भोपाल में करीब चार सप्ताह पहले जमात ए मुजाहिद्दीन बांग्लादेश (जेएमबी) आतंकी संगठन के चार सदस्यों को ऐशबाग और करौंद क्षेत्र से पकड़ा गया था। अब इस मामले में केंद्रीय गृह मंत्रालय ने स्थानीय पुलिस से जांच लेकर नेशनल इनवेस्टीगेशन एजेंसी (एनआईए) को जांच सौंपने के आदेश जारी कर दिए हैं। बता दें कि जमात ए मुजाहिद्दीन बांग्लादेश आतंकी इस समय जेल में बंद हैं और एनआईए की टीम जांच शुरू करने के पहले कभी भी मध्य प्रदेश के दौरे पर आ सकती है।

एटीएस मामले से जुड़े दस्तावेज सौंपेगी एनआईए को
सूत्र बताते हैं कि एटीएस की टीम एनआईए को इस मामले से जुड़े समस्त दस्तावेज भी सौंपेगी। जेल में बंद आतंकियों से पूछताछ भी एनआईए की टीम कर सकती है। पुलिस मुख्यालय के वरिष्ठ अधिकारी सूत्र ने बताया कि पिछले दिनों केंद्रीय गृह मंत्रालय ने इस संबंध में आदेश जारी किए हैं। दरअसल अभी तक इस मामले की जांच मध्यप्रदेश की एटीएस कर रही थी। गिरफ्तार हुए आतंकियों के पास से न केवल संदिग्ध साहित्य मिला था बल्कि अन्य कुछ संदिग्ध चीजें भी हासिल करने में कामयाबी मिली थी।





हालांकि इन लोगों के सक्रिय होने के काफी समय बाद इनकी पर खुफिया एजेंसी की निगाह गई जिससे उन्हें बैस और स्लीपर सेल विकसित करने का मौका मिलने की आशंका जताई जा रही हैं। गौरतलब है कि भोपाल में फजहर अली उर्फ मेहमूद, मोहम्मद अकील उर्फ अहम, जहूरुद्दीन उर्फ इब्राहीम उर्फ मिलान पठान, फजहर जैनुल आबदीन उर्फ अकरम अल हसन को पकड़ा गया था। इनके पास से मुस्लिम जेहादी साहित्य, इलेक्ट्रॉनिक उपकरण सहित कई संदेहास्पद दस्जावेज बरामद हुए थे। इनका कनेक्शन जमात-ए-मुजाहिद्दीन-बांग्लादेश (जेएमबी) से निकला था।

कौन है जेएमबी संगठन
जेएमबी वही संगठन है जिसने 2005 में बांग्लादेश में 50 से ज्यादा शहर व कस्बों में 500 बम धमाके किए थे। बड़े स्तर पर नरसंहार में भी यह संगठन शामिल रहा है। 2014 में पश्चिम बंगाल में भी इसी संगठन ने वर्धमान में बम ब्लास्ट किया था और फिर बोधगया में बम ब्लास्ट में यह संगठन शामिल रहा। इसके बाद भारत सरकार ने इस संगठन को 2019 में पांच साल के लिए प्रतिबंधित संगठन घोषित किया था।

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