राजनाथ की पाक को खरी-खरी: 1971 में प्रत्यक्ष युद्ध जीता, अब आतंकवाद के खिलाफ जारी परोक्ष जंग भी जीतेंगे
नयी दिल्ली। 1971 के युद्ध (1971 war) में पाकिस्तान (Pakistan) पर भारत की जीत (India’s victory) के उपलक्ष्य में ‘स्वर्णिम विजय पर्व’ (‘Golden Victory Festival’) के उद्घाटन समारोह में पाकिस्तान द्वारा जारी आतंकवादी गतिविधियों (terrorist activities) पर देश के रक्षामंत्री राजनाथ सिंह (Defense Minister Rajnath Singh) ने पड़ोसी देश को फिर बार फिर खरी-खोटी सुनाई। सिंह ने कहा कि भारत ने 1971 में पाकिस्तान के खिलाफ प्रत्यक्ष युद्ध (direct warfare) जीता था और वह पाकिस्तान द्वारा भड़काए जा रहे आतंकवाद के खिलाफ जारी परोक्ष जंग (indirect rust) भी जीत जाएगा।
मंत्री ने कहा कि पाकिस्तान आतंकवाद और अन्य भारत विरोधी गतिविधियों (anti india activities) को बढ़ावा देकर भारत को तोड़ना चाहता है। सिंह ने कहा कि भारतीय सशस्त्र बलों (Indian Armed Forces) ने 1971 के युद्ध में उसकी सभी योजनाओं को विफल कर दिया और फिलहाल वे आतंकवाद के खतरे को खत्म करने के लिए काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि 1971 के युद्ध ने दिखाया कि ब्रिटिश शासन (British rule) से आजादी के समय धर्म के नाम पर भारत का विभाजन एक ऐतिहासिक गलती थी।
वहीं उन्होंने कहा कि कहा, हमने सीधा युद्ध जीता और मैं पूरी तरह से आश्वस्त कर सकता हूं कि हम परोक्ष युद्ध भी जीतेंगे। मंत्री ने कहा कि भारत सरकार ने इस ‘स्वर्णिम विजय पर्व को और शानदार तरीके से आयोजित करने की योजना बनाई थी। लेकिन देश के पहले सीडीएस जनरल बिपिन रावत (CDS General Bipin Rawat), उनकी पत्नी और सशस्त्र बलों के 11 अन्य कर्मिओं की असामयिक मृत्यु के कारण इस आयोजन को सादगी के साथ करने का निर्णय लिया गया।
आज इस कार्यक्रम में मैं उन सभी को याद करता हूं और उन्हें श्रद्धांजलि देता हूं। जनरल रावत, उनकी पत्नी, रावत के रक्षा सलाहकार ब्रिगेडियर एलएस लिद्दर (Defense Advisor Brigadier LS Lidder) समेत 13 लोगों की आठ दिसंबर को तमिलनाडु के कन्नूर के निकट हुई भयावह हेलीकॉप्टर दुर्घटना में मौत हो गई थी। इस दुर्घटना में एकमात्र जीवित व्यक्ति ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह (Group Captain Varun Singh) हैं।
सिंह ने कहा, भारतीय वायु सेना के अधिकारी ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह का बेंगलुरु के कमांड अस्पताल में इलाज चल रहा है। उन्होंने कहा, मैं लगातार उनके संपर्क में हूं और हम नियमित रूप से उनके पिता के संपर्क में हैं। हम सभी प्रार्थना करते हैं कि उन्हें स्वस्थ होकर जल्द से जल्द अस्पताल से छुट्टी मिले और वह पहले की तरह अपना कर्तव्य निभाएं। उन्होंने कहा कि जनरल रावत के निधन के साथ भारत ने एक साहसी सैनिक, एक सक्षम सलाहकार और एक जिंदादिल इंसान खो दिया।
उन्होंने कहा, इस र्स्विणम विजय पर्व के उत्सव को लेकर वे बेहद उत्साहित थे। उन्होंने इस कार्यक्रम के आयोजन से जुड़े विभिन्न मुद्दों पर मुझसे व्यक्तिगत रूप से चर्चा की थी, इसलिए मुझे आज उनकी बहुत याद आ रही है। गौरतलब है कि 1971 के युद्ध में पाकिस्तान की हार के बाद उसका विभाजन हो गया था, जिसके बाद बांग्लादेश की स्थापना हुई। उन्होंने कहा, यह (1971) युद्ध यह भी दर्शाता है कि धर्म के आधार पर भारत का विभाजन एक ऐतिहासिक गलती थी। पाकिस्तान का जन्म एक धर्म के नाम पर हुआ, लेकिन यह एक नहीं रह सका।