बैठक से पहले बोले टिकैत: इन मुद्दों पर हुआ सकारात्मक निर्णय, तो आंदोलन हो जाएगा खत्म
नई दिल्ली। किसान आंदोलन (farmers movement) की भावी रूपरेखा अथवा कार्ययोजना (action plan) तय करने के लिए आज सिंघु बार्डर पर संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) की अहम बैठक होगी। किसान इस बैठक में आंदोलन को खत्म करने या फिर आंदोलन को आगे बढ़ाने पर मंथन करेंगे। इससे पहले किसान नेता राकेश टिकैत (Farmer leader Rakesh Tikait) ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि आज की बैठक में संयुक्त किसान मोर्चा की पूरी टीम और इससे जुड़े सभी संगठन मौजूद रहेंगे। किसान नेता ने कहा कि आज की होने वाली बैठक में आंदोलन आगे कैसे बढ़ेगा और सरकार बातचीत करेगी तो कैसे बातचीत करनी है, इस पर चर्चा होगी।
उन्होंने कहा कि कृषि कानून (agricultural law) को छोड़ दें तो 4 से 5 बड़े मुद्दे हैं। इनमें MSP, किसानों के खिलाफ दर्ज केस (Case registered against farmers), केंद्रीय मंत्री अजय मिश्र टेनी (Union Minister Ajay Mishra Teni) के खिलाफ कार्रवाई और सरकार द्वारा जब्त ट्रैक्टर हैं। अगर इनपर कुछ सकारात्मक निर्णय हुआ तो आंदोलन खत्म हो जाएगा। टिकैत ने हम आज की बैठक में कोई रणनीति विकसित नहीं करेंगे, हम केवल चर्चा करेंगे कि आंदोलन कैसे आगे बढ़ता है। उन्होंने आगे कहा कि कल हरियाणा के मुख्यमंत्री (Chief Minister of Haryana) और किसानों के बीच बातचीत बेनतीजा रही, हालांकि वे किसानों के खिलाफ दर्ज मामलों को वापस लेने के लिए सहमत हो गए हैं।
बता दें कि इससे पहले शुक्रवार को हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर (Haryana Chief Minister Manohar Lal Khattar) के घर पर राज्य सरकार के साथ लंबी मीटिंग हुई। लेकिन इसका कोई नतीजा नहीं निकलाद्ध राज्य सरकार ने किसानों पर दर्ज मामले को वापस लेने समेत दूसरे मांगों पर विचार करने के लिए किसान नेताओं को बुलाया था। किसान नेता गुरनाम सिंह चढ़ूनी ने कहा कि इतनी लंबी बैठक के बाद भी कोई सहमति नहीं बनी है। सरकार ने न तो नर्मी दिखाई और न ही गर्मी।
किसान नेता राकेश टिकैत ने प्रधानमंत्री मोदी पर चुटकी भी ली। राकेत टिकैत ने पीएम मोदी के बयान का जिक्र करते हुए कहा कि पीएम ने कहा था कि 22 में किसानों की आमदनी दोगुनी हो जाएगी। तो पहली जनवरी से हमारी आमदनी दुगनी होने जा रही है। बता दें कि केंद्र सरकार द्वारा कृषि कानूनों को वापस लेने के बाद पिछले एक साल से दिल्ली के अलग अलग स्थानों पर प्रदर्शन कर रहे किसान अब एमएसपी पर गारंटी के लिए कानून बनाने की मांग कर रहे हैं।