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सड़कों पर जाम देख किसान आंदोलन पर सख्त हुआ एनएचआरसी, इन राज्यों को नोटिस भेज मंगवाई रिपोर्ट

नई दिल्ली। केन्द्र सरकार (central government) के विरोध में पिछले 9 महीने से अधिक समय से किसानों का आंदोलन (farmers’ movement) जारी है। आंदोलन के कारण लग रहे जाम के कारण आम लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। जिसको देखते हुए राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) ने सख्त रुख अपना लिया है। आयोग ने दिल्ली (Delhi), राजस्थान (Rajsthan), हरियाणा (Haryana) और उत्तरप्रदेश (Uttar Pradesh) के अधिकारियों को नोटिस किया है और किसानों के आंदोलन की रिपोर्ट (report of farmers’ movement) मांगी है।

NHRC के मुताबिक उन्हें शिकायत मिली हैं कि इन राज्यों में चल रहे किसान आंदोलन की वजह से नौ हजार से अधिक उद्योग बंद (More than nine thousand industries closed) हो चुके हैं। यातायात व्यवस्था (traffic system) चरमरा गई है। जिसकी वजह से लोगों को, मरीजों,बुजुर्गों और दिव्यांगों (Patients, elderly and disabled) को जाम लगने के कारण बड़ी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। साथ ही सीमाओं के बंद होने के कारण नागरिकों को ज्यादा दूरी तय करनी पड़ रही है।बयान में कहा गया है कि ऐसी खबरें भी हैं कि किसानों के आंदोलन के कारण लोगों को अपने गंतव्य तक पहुंचने के लिए लंबी दूरी तय करनी पड़ती है और सीमाओं पर बैरिकेड्स लगा दिए जाते हैं।

वहीं अब आयोग ने सख्त रुख अख्तियार करते हुए दिल्ली, उत्तर प्रदेश, हरियाणा और राजस्थान के मुख्य सचिवों को नोटिस जारी किया है। साथ ही उत्तर प्रदेश, हरियाणा, राजस्थान के पुलिस महानिदेशकों और दिल्ली पुलिस कमिश्नर को नोटिस जारी कर उनसे संबंधित कार्रवाई की रिपोर्ट देने को कहा है।

इतना ही नहीं राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग को यह भी शिकायत मिली है कि इस आंदोलन की वजह से कुछ जगहों पर लोगों को उनके घरों से भी नहीं निकलने दिया जा रहा। इसके अलावा आन्दोलन स्थलों पर कोविड प्रोटोकॉल (covid protocol) की भी धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। राज्यों और अधिकारियों को नोटिस देने के अलावा राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने आर्थिक विकास संस्थान से भी 10 अक्टूबर तक इस आंदोलन की वजह से उद्द्योग पर पड़े प्रभाव पर एक रिपोर्ट मांगी है। राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने राष्ट्रीय आपदा प्रबन्धन प्राधिकरण (National Disaster Management Authority) और गृह मंत्रालय से इस आंदोलन में हो रहे कोविड नियमो के उल्लंघन पर भी रिपोर्ट मांगी है।





आयोग ने 10 अक्टूबर तक मांगी रिपोर्ट

  • 1. इसके साथ ही आर्थिक विकास संस्थान को 10 अक्टूबर तक इस आंदोलन की वजह से उद्योंगों पर पड़े प्रभाव पर एक रिपोर्ट मांगी है। साथ ही धरनास्थलों के आस-पास स्थित औद्योगिक इकाइयों के कामगारों को हो रही असुविधा और उनके अतिरिक्त खर्च पर भी रिपोर्ट तैयार करने को कहा गया है। इसके अलावा आईईजी को गाड़ियों की आवाजाही को लेकर हो रही परेशानी की जांच कर 10 अक्टूबर, 2021 तक इस मामले में एक व्यापक रिपोर्ट देने को कहा गया है।
  • 2. राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण और गृह मंत्रालय से इस आंदोलन में हो रहे कोविड नियमों के उल्लंघन पर भी रिपोर्ट मांगी है।
  • 3. धरनास्थल पर मानवाधिकार कार्यकर्ता के साथ कथित गैंगरेप के मामले में डीएम झज्जर से मृतक के परिजनों को मुआवजे के भुगतान के संबंध में कोई रिपोर्ट प्राप्त नहीं हुई थी। डीएम झज्जर को 10 अक्टूबर, 2021 तक इस मामले में रिपोर्ट दाखिल करने के लिए कहा गया है।
  • 4. दिल्ली यूनिवर्सिटी के दिल्ली स्कूल आॅफ सोशल वर्क डिपार्टमेंट को लंबे समय से चल रहे किसान आंदोलन के कारण लोगों की आजीविका, जीवन, वृद्ध और कमजोर व्यक्तियों पर इसके प्रभाव का आंकलन करने के लिए टीमों को नियुक्त करने के लिए कहा गया है। ये टीमें सर्वेक्षण कर रिपोर्ट प्रस्तुत करेंगी।

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