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चार साल में 72 अरब डॉलर तक पहुंचेगा इलेक्ट्रिक उपकरणों का बाजार 

नयी दिल्ली ।   बिजली (इलेक्ट्रिकल) उपकरणों (Electrical Appliances) का घरेलू बाजार (Domestic Market) सालाना आधार पर 12 प्रतिशत की दर से बढ़कर 2025 तक 72 अरब डॉलर पर पहुंच जाएगा। उद्योग के एक कार्यकारी ने यह जानकारी दी।

भारतीय इलेक्ट्रिकल एवं इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माता संघ (आइमा) (Indian Electrical & Electronics Manufacturers’ Association (IEEMA)) के अध्यक्ष अनिल साबू (Anil Sabu) ने कहा कि अभी देश का बिजली उपकरणों का बाजार 48 से 50 अरब डॉलर का है।

उन्होंने कहा, ‘‘हम इसमें सालाना 11 से 12 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज करेंगे। 2025 तक यह बाजार 72 अरब डॉलर का होगा।’’

उन्होंने कहा कि भारत से मूल्य के हिसाब से निर्यात मौजूदा के 8.62 अरब डॉलर से बढ़कर 13 अरब डॉलर पर पहुंच जाएगा। ‘‘दुनिया अब भारत को चीन के विकल्प के रूप में देख रही है।’’

साबू ने कहा कि पेरिस समझौते (Paris Pact) के तहत कुल कॉबर्न उत्सर्जन (Carbon emission) में कटौती के लक्ष्य तथा देश के नवीकरणीय ऊर्जा (Renewable Energy) के लक्ष्य को हासिल करने में बिजली उपकरण उद्योग की महत्वपूर्ण भूमिका होगी।

भारत ने 2022 तक 175 गीगावॉट नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता हासिल करने का लक्ष्य रखा है। इसे 2030 तक 450 गीगावॉट (Gigawatt) करने का लक्ष्य है।

साबू ने कहा कि नवीकरणीय ऊर्जा लक्ष्य को हासिल करने के लिए नयी पीढ़ी के उपकरणों की जरूरत होगी। घरेलू कंपनियां स्थानीय स्तर पर अपनी जरूरतों को पूरा करने का प्रयास करेंगी।

उन्होंने कहा, ‘‘उपकरणों का विनिर्माण बढ़ने से हमारा उद्योग इन लक्ष्यों को हासिल करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।’’

आइमा के अध्यक्ष ने कहा, ‘‘हमारा सरकार से आग्रह है कि वह ऊर्जा दक्षता और जलवायु परिवर्तन के लक्ष्यों को हासिल करने के लिए बिजली उपकरण विनिर्माताओं को प्रोत्साहन दे। उन्हें निर्यात के लिए आवश्यक प्रोत्साहन दिया जाए और शोध एवं विकास के लिए कोष उपलब्ध कराया जाए।’’

साबू ने कहा कि उद्योग को भरोसा है कि वह 2030 तक 450 गीगावॉट के नवीकरणीय ऊर्जा लक्ष्य को हासिल करने के लिए हर साल 18 अरब डॉलर का निवेश हासिल करने में सफल रहेगा।

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