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जर्मनी और ब्रिटेन के बाद अमेरिका का बड़ा एक्शन, रूस पर प्रतिबंधों का ऐलान कर बाइडेन ने दी यह बड़ी चेतावनी

वाशिंगटन। रूस-यूक्रेन (Russia-Ukraine) के बीच जारी विवाद के बीच अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन (US President Joe Biden) देर रात अमेरिका की जनता (people of america) को संबोधित किया। उनका यह संबोधन रूस द्वारा यूक्रेन को लेकर उठाए गए नए कदम पर था। उन्होंने अपने संबोधन में रूस पर अंतरराष्ट्रीय कानून के उल्लंघन (violation of international law) का आरोप लगाया और नए प्रतिबंधों की घोषणा की। बाइडन ने कहा कि आर्थिक प्रतिबंधों (economic sanctions) का आशय रूसी सरकार को पश्चिमी देशों (western countries) से आर्थिक तौर पर अलग-थलग करना है। इससे पहले जर्मनी (Germany) और ब्रिटेन (Britain) ने रूस के खिलाफ प्रतिबंध लगाए हैं, वहीं कनाडा (Canada) ने भी यूक्रेन को मदद भेजी है।

बाइडेन ने अपने देश की जनता से कहा कि हम स्थिति का आंकलन करते हुए कदम उठा रहे हैं। राष्ट्रपति बाइडेन ने कहा, ”हमारी तरफ से यूक्रेन की मदद के लिए किए जा रहे सभी प्रयास रक्षात्मक कदम हैं, हमारा रूस से युद्ध का कोई इरादा नहीं है।” उन्होंने चेतावनी दी कि अगर रूस आक्रामक तरीके से आगे बढ़ता रहा तो उसे भारी कीमत चुकानी पड़ेगी। बाइडेन ने आरोप लगाते हुए कहा कि रूस ने अंतरराष्ट्रीय नियमों का उल्लंघन किया है। यूक्रेन की सीमा पर उसने सेना को तैनात कर रखा है। हम नाटो की हर एक इंच जमीन की रक्षा करेंगे।

 

 

इस बीच दो रूसी वित्तीय संस्थानों पर प्रतिबंध लगाने का ऐलान करते हुए राष्ट्रपति बाइडेन ने कहा कि रूस, पश्चिमी देशों के साथ और व्यापार नहीं कर पाएगा। प्रतिबंधों की कड़ी में जो बाइडन ने दो बैंकों के खिलाफ प्रतिबंधों की घोषणा कर दी है। इसे उन्होंने रूस के खिलाफ प्रतिबंधों की पहली किश्त बताया। बाइडन ने दो बड़े बैंकों- वीईबी और रूसी सैन्य बैंक से जुड़े व्यापार को अवरुद्ध करने और अंतरराष्ट्रीय वित्तीय प्रणालियों से रूसी अर्थव्यवस्था के कुछ हिस्सों को काटने की घोषणा की। बाइडन ने कहा कि ये कदम पिछले उपायों से बहुत आगे हैं और रूसी सरकार को अपने संप्रभु ऋण के लिए पश्चिमी वित्तपोषण से दूर कर देंगे।

हंगरी ने सीमा पर भेजी सेना
हंगरी के रक्षा मंत्री टिबोर बेंको ने कहा कि सेना संभावित मानवीय और सीमा सुरक्षा अभियानों की तैयारी के लिए यूक्रेन की सीमा के पास सैनिकों को तैनात करेगी। प्रधानमंत्री विक्टर ओरबान ने सशस्त्र समूहों का हंगरी के क्षेत्र में प्रवेश करने से रोकने के लिए सेना को देश की पूर्वी सीमा पर तैनात करने का आदेश दिया।

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