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हिंसा की आग में जल रहा मणिपुर, सियासत भी चरम पर: खडगे को पत्र लिख नड्डा ने कांग्रेस पर किया पलटवार, याद दिलाया 90 के दशक को

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नई दिल्ली। लंबे समय से मणिपुर हिंसा की आग में जल रहा है। मणिपुर में जारी हिंसा को लेकर सियासत भी खूब हो रही है। कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खडगे ने बीते मंगलवार को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को पत्र लिखकर मणिपुर के मामले में उनसे हस्तक्षेप का आग्रह किया था। वहीं आज शुक्रवार को भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने खडगे द्वारा राष्ट्रपति को लिखे पत्र पर कांग्रेस पर पलटवार किया है। उन्होंने खडगे को पत्र लिखकर कांग्रेस पर मणिपुर संकट पर गलत, झूठी और राजनीति से प्रेरित कहानी को आगे बढ़ाने का आरोप लगाया।

नड्डा ने पत्र में लिखा कि इस साल की शुरूआत में जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मणिपुर में हिंसा के मुद्दे को संबोधित कर रहे थे, तब आप और आपकी पार्टी ने जिस अपमानजक और गैर-जिम्मेदाराना तरीके वॉकआउट किया था, उसे प्रत्यक्ष रूप से देखने के बाद इस मुद्दे पर राष्ट्रपति को संबोधित आपका पत्र देखना मेरे लिए हैरान करने वाला है। कांग्रेस के नेताओं की ओर से राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू पर अनगिनत अपमानजनक टिप्पणियां की गई हैं, फिर भी आपके पत्र को देखकर यह देखकर खुशी हुई कि आपकी पार्टी ने भारत के सर्वोच्च संविधानिक पद और उस पर बैठे प्रतिष्ठित व्यक्ति को कुछ तो सम्मान दिखाया है।

उत्तर-पूर्वी राज्यों में कांग्रेस सरकारों की विफलताओं की दिलाई याद
नड्डा ने कांग्रेस पर मणिपुर और अन्य उत्तर-पूर्वी राज्यों में कांग्रेस सरकारों की विफलताओं की याद दिलाई, खासकर 1990 के दशक और यूपीए शासनकाल के दौरान। उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकारों की विफलताओं का परिणाम मणिपुर में आज भी देखा जा रहा है। पिछले 10 सालों में प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में हमारे उत्तर-पूर्वी क्षेत्र ने हर क्षेत्र में पूरी तरह से बदलाव देखा है। चाहे वह आर्थिक विकास हो, सुरक्षा, स्वास्थ्य, शिक्षा या विकास के अवसरों की पहुंच। मणिपुर सहित पूरे उत्तर-पूर्वी क्षेत्र में शांति, समृद्धि और प्रगति का अनुभव हो रहा है, जो स्वतंत्रता के बाद पहली बार हो रहा है। उन्होंने यह भी लिखा कि हमारे पूर्वोत्तर में गोलीबारी और विस्फोट रोजमर्रा की बात बन गए थे,वहां देश की आजादी के बाद वहां पहली बार शांति, समृद्धि और प्रगति देखी जा रही है।

विदेशी ताकतों के साथ मिलकर भारत के प्रगति को रोकने की कोशिश कर रही कांग्रेस
जेपी नड्डा ने कांग्रेस पर मणिपुर में विदेशी उग्रवादियों की अवैध आप्रवासन को वैध बनाने और उनके साथ समझौतों पर भी तीखा हमला किया। उन्होंने कहा कि आपकी सरकार ने भारतीय सुरक्षा प्रोटोकॉल का उल्लंघन किया और विदेशी उग्रवादियों के साथ समझौते किए। यही कारण है कि मणिपुर और अन्य क्षेत्रों में हिंसक उग्रवादी संगठन शांति को भंग करने की कोशिश कर रहे हैं। नड्डा ने अपने पत्र के अंत में कांग्रेस पर आरोप लगाया कि वह विदेशी ताकतों के साथ मिलकर भारत के प्रगति को रोकने की कोशिश कर रही है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस की यह रणनीति देश की प्रगति को रोकने की एक गहरी साजिश का हिस्सा हो सकती है और हमें यह जानने का अधिकार है कि यह क्यों और कैसे हो रहा है।

‘डबल इंजन सरकार में मणिपुर में घटी गरीबी’
यह बदलाव उन लोगों से पूरी तरह से समर्थन हासिल कर रहा है, जिन्होने बार-बार कांग्रेस और उनके सहयोगियों के झूठे वालों की जगह डबल-इंजन एनडीए सरकारों की स्थिरता पर भरोसा जताया है। दस वर्षों में ऐतिहासिक शांति समझौतों से लेकर अभूतपूर्व कनेक्टिविटी तक, हमारी सरकारें वास्तव में पूर्वोत्तर के लोगो को एक-दूसरे के करीब ला रही हैं। यह ध्यान देने योग्य बात है कि मणिपुर में 2013 में 20 फीसदी से अधिक लोग बहुआयामी गरीबी से पीड़ित थे, जो 2022 में घटकर पांच फीसदी तक रह गई है।

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