कुलदीप बिश्नोई ने कहा कि भजन लाल को कमान सौंपने पर पार्टी को साठ से अधिक सीटें हरियाणा में मिली थीं। इसलिए किसी गैर जाट को हरियाणा में चेहरा बनाया जाए। उनकी बात पूरी होते ही सांसद दीपेंद्र हुड्डा ने कहा कि भजन लाल के नाम पर तो अलग पार्टी भी बनाई गई तब इतनी सीटें क्यों नहीं आईं।
चंडीगढ़। पंजाब में सत्ता गंवाने और चार राज्यों में मिली करारी हार के बाद भी कांग्रेस का कुनबा सबक नहीं ले रहा है। अब ताजा हरियाणा का है। राहुल गांधी और अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के प्रतिनिधियों के साथ शुक्रवार को हरियाणा कांग्रेस के चुनिंदा वरिष्ठ नेताओं की बंद कमरे में हुई बैठक में तीखी नोकझोंक हुई। यह नोकझोंक जाट व गैर जाट के मुद्दे पर कुलदीप बिश्नोई और दीपेंद्र हुड्डा के बीच हुई।
बता दें कि यह बैठक हरियाणा कांग्रेस कमेटी में नेतृत्व को लेकर जारी गुटबाजी को लेकर हुई । वर्तमान में कुमारी शैलजा के पास यह पद है। भूपेंद्र सिंह हुड्डा और शैलजा के संबंध ठीक नहीं हैं। मामला इतना बढ़ गया कि राष्ट्रीय महासचिव रणदीप सुरजेवाला को दखल देकर दोनों को शांत कराना पड़ा। वहीं, राहुल गांधी ने सभी को एकजुटता का पाठ पढ़ाते हुए संगठित होने की नसीहत दी।
बैठक में कुलदीप बिश्नोई ने कहा कि भजन लाल को कमान सौंपने पर पार्टी को साठ से अधिक सीटें हरियाणा में मिली थीं। इसलिए किसी गैर जाट को हरियाणा में चेहरा बनाया जाए। उनकी बात पूरी होते ही सांसद दीपेंद्र हुड्डा ने कहा कि भजन लाल के नाम पर तो अलग पार्टी भी बनाई गई तब इतनी सीटें क्यों नहीं आईं। दीपेंद्र ने कहा कि मेरिट के हिसाब से नतीजा निकाला जाना चाहिए। 36 बिरादरी को साथ लेकर चलना चाहिए। बात बढ़ती देख सुरजेवाला ने दोनों को शांत कराया।
इसके बाद निर्णय लिया गया कि संगठन में कोई बड़ा बदलाव नहीं किया जाएगा। पंजाब में कैप्टन पर किए गए प्रयोग के बाद आलाकमान पूर्व मुख्यमंत्री हुड्डा पर हाथ डालने से बच रहा है और कुमारी सैलजा को भी साथ लेकर चलेगा। सैलजा प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष बनी रहेंगी। प्रदेश में संगठन की कमान संभालने के मंसूबे पाले कांग्रेस नेता पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी से एकता में बल है, का मूलमंत्र लेकर लौटे हैं।
बैठक के दौरान कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी भी राहुल के घर पहुंची, लेकिन बैठक में शामिल नहीं हुईं। राहुल गांधी ने साफ कर दिया कि एकजुटता दिखानी होगी। जनता का विश्वास जीतें। सभी पार्टी नेता एक मंच पर आकर प्रदेश सरकार की विफलताओं के खिलाफ आंदोलन चलाएं। अभी फसल कटाई का मौसम है, इस लिए अप्रैल के बाद सभी नेता एक साथ फील्ड में उतरें।
हुड्डा खेमा नहीं कर रहा सहयोग: शैलजा
पार्टी के अंदरूनी सूत्रों के अनुसार, राहुल गांधी ने 2024 के चुनावों से पहले हरियाणा कांग्रेस के नेताओं को तुरंत मैदान में उतरने की जरूरत पर जोर दिया। बैठक के दौरान जब उन्होंने राज्य के नेताओं से अपने विचार रखने का आग्रह किया, तो आंतरिक कलह खुलकर सामने आ गई। शैलजा ने बैठक में स्पष्ट रूप से बताया कि न तो हुड्डा खेमे ने सहयोग किया और न ही एआईसीसी ने बार-बार गुहार लगाने के बावजूद उनकी मदद की। उन्हें तीन या चार की टीम के साथ संघर्ष करने के लिए मजबूर होना पड़ा।
मजबूती से लड़ेंगे निकाय चुनाव : हुड्डा
नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र हुड्डा ने कहा कि बैठक में सबने अपनी-अपनी बात राहुल गांधी के सामने रखी है। प्रदेश में निकाय चुनाव मजबूती से लड़ेंगे। प्रजातांत्रिक देश है और हमारी पार्टी भी प्रजातांत्रिक है। मतभेद स्वभाविक हैं लेकिन हमारे में मनभेद नहीं हैं। संगठन कैसे आगे बढ़े, इस पर चर्चा हुई है।
बैठक में ये नेता रहे शामिल
प्रदेश कांग्रेस प्रभारी विवेक बंसल, नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र हुड्डा, प्रदेशाध्यक्ष कुमार सैलजा, सांसद दीपेंद्र हुड्डा, राष्ट्रीय महासचिव रणदीप सुरजेवाला, विधायक किरण चौधरी, कुलदीप बिश्नोई, आफताब अहमद, पूर्व प्रदेशाध्यक्ष फूलचंद मुलाना, कांग्रेस ओबीसी विभाग के राष्ट्रीय अध्यक्ष कैप्टन अजय यादव, वरिष्ठ नेता धर्मपाल मलिक इत्यादि।