सतना में अदालत का कड़ा फैसला: मासूम के हत्यारों को सुनाई फांसी की सजा
सतना। बुधवार का दिन सतना (Satna) के नागौद क्षेत्र के लिए ऐतिहासिक रहा। रहिकवारा में करीब ढाई साल पहले 6 साल के मासूम के अपहरण और हत्या (kidnapping and murder of innocent) के सनसनी खेज केस में अदालत ने आज सजा का ऐलान कर दिया। न्यायालय तृतीय अपर सत्र न्यायाधीश नागौद (Court III Additional Sessions Judge Nagod) ने मार्च 2019 में हुए एक 6 वर्षीय मासूम के अपहरण व हत्या के मामले की सुनवाई के दौरान फैसला सुनाते हुए आरोपियों को फांसी और आजीवन कैद की सजा (death sentence and life imprisonment) सुनाई। इस जघन्य हत्याकांड (heinous massacre) में दो आरोपी चिन्हित किए गए थे, जिसमें एक तो मासूम का रिश्ते का चाचा था जबकि दूसरी एक महिला थी जिसके फोन का इस्तेमाल धमकी देने और फिरौती वसूलने के लिए किया गया था।
सुने तर्क और सुनाई सजा
रहिकवारा निवासी कृषक राजेश प्रजापति (Rajesh Prajapati) के 6 वर्षीय पुत्र शिवकांत प्रजापति का 12 मार्च 2019 को उसके रिश्ते के चाचा अनुताभ प्रजापति (uncle anutabh prajapati) ने अपहरण कर लिया था। इस मामले में रहिकवारा निवासी विद्यावती प्रजापति (Vidyavati Prajapati) के फोन का इस्तेमाल फिरौती व अपहरण के लिए किया गया था। नागौद पुलिस ने मामले की तफ्तीश कर आरोपियों को पकड़ा और 54 साक्ष्यों को न्यायालय तृतीय अपर सत्र न्यायाधीश विजय डांगी (Judge Vijay Dangi) के समक्ष रखा। न्यायधीश ने शासन की ओर से पैरवी करने वाले अपर लोक अभियोजक एड. राजेश मिश्रा और अभियुक्त के अधिवक्ता का पक्ष सुना।
सुनवाई के दौरान सामने आए तर्क और साक्ष्यों के आधार पर तृतीय अपर सत्र न्यायाधीश विजय डांगी की अदालत ने आरोपी अनुताभ को धारा 302 के तहत फांसी व 10 हजार के अर्थदंड, धारा 364ए/112 बी के तहत आजीवन कारावास व 10 हजार के अर्थदंड तथा धारा 301 के तहत 3 वर्ष के सश्रम कारावास व 2 हजार के अर्थदंड की सजा सुनाई है। इसी मामले की एक और महिला अभियुक्त विद्यादेवी प्रजापति को 364ए/112 बी के तहत आजीवन कारावास व 10 हजार के अर्थदंड की सजा से दंडित किया है। अर्थदंड न चुकाने पर अभियुक्तों को 6-6 माह के सश्रम कारावास की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी।