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स्वच्छता सर्वेक्षण 2021: देश में पांचवी बार सबसे स्वच्छ रहा इंदौर, सूरत को दूसरा और भाजपा को मिला सातवां स्थान

नई दिल्ली। दिल्ली के विज्ञान भवन (Vigyan Bhawan of Delhi) में आयोजित स्वच्छता सर्वेक्षण 2021 (Cleanliness Survey 2021) के परिणाम की घोषणा हो गई है। स्वच्छता सर्वेक्षण में देश में इंदौर (Indore) ने एक बार फिर बाजी मार ली है। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद (President Ram Nath Kovind) ने इंदौर के नगर निगम आयुक्त और कलेक्टर (Indore Municipal Corporation Commissioner and Collector) को यह अवार्ड दिया। इंदौर के साथ 342 साफ शहरों को भी सम्मानित किया गया। राष्ट्रपति ने सूरत (Surat) और विजयवाड़ा (Vijayawada) को देश का दूसरा और तीसरा सबसे स्वच्छ शहर होने के लिए सम्मानित किया।

राष्ट्रपति ने इंदौर की तारीफ करते हुए कहा कि इस वर्ष इंदौर ने प्रथम पुरस्कार प्राप्त किया है। प्रथम पुरस्कार प्राप्त करना तो प्रशंसनीय () Getting first prize is commendableहै, लेकिन लगातार 5 बार पहले नंबर पर बने रहना बड़ी बात है। 10 लाख आबादी वाले शहरों में मध्य प्रदेश का इंदौर पहले नंबर पर रहा, भोपाल (Bhoapl) सातवें, ग्वालियर (Gwalior) 15वें और जबलपुर  (Jabalpur) 20वें नंबर पर रहा।

मध्य प्रदेश की औद्योगिक राजधानी कहलाने वाले इंदौर शहर में रोजाना 1200 टन कचरा निकलता है लेकिन इसके बाद भी शहर में गंदगी दिखाई नहीं देती है। बता दें कि इंदौर शहर को 2017 से लगातार सबसे स्वच्छ शहर के रूप में स्वच्छता मिशन के तहत पुरस्कार दिया जा रहा है। इस बार इंदौर को सफाई मित्र सुरक्षा चैलेंज (Safai Mitra Safety Challenge to Indore) में सर्वश्रेष्ठ शहर घोषित किया गया है। इंदौर को डस्ट फ्री शहर माना गया है। यहां नदी नालों के गंदे पानी को पुन: उपयोग करने लायक बनाने का काम भी किया जाता है।

इस दौरान केंद्रीय आवास और शहरी मामलों के मंत्री और अन्य अधिकारी मौजूद रहे। यह सम्मान आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय (एमओएचयूए) द्वारा ‘स्वच्छ अमृत महोत्सव’ का आयोजन किया जा रहा है। केंद्रीय आवास एवं शहरी कार्य मंत्रालय ने कहा कि स्वच्छ भारत मिशन-शहरी 2.0 के तहत भारत को कचरा-मुक्त बनाने के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दृष्टकोण की तर्ज पर कचरा-मुक्त शहरों की श्रेणी के तहत प्रमाणित शहरों को इस समारोह में भी पुरस्कृत किया गया है।

स्वच्छता सर्वेक्षण में शामिल थे 4320 शहर
मंत्रालय के अनुसार, इस बार के स्वच्छ सर्वेक्षण में 4320 शहरों को शामिल किया गया है जो दुनिया का सबसे बड़ा स्वच्छता सर्वेक्षण है। साल 2016 में इस कदम की शुरूआत पर सिर्फ 73 प्रमुख शहरों को सर्वेक्षण में शामिल किया गया था। मंत्रालय ने कहा कहा, इस साल के सर्वेक्षण की सफलता इस बार नागरिकों से मिले फीडबैक की संख्या के आधार पर आंकी गई है। इस बार पांच करोड़ से अधिक फीडबैक आए। यह संख्या पिछले साल 1.87 करोड़ थी।

9 शहरों को मिला फाइव स्टार
2018 में केवल 56 शहरों में से कुछ को ही स्टार रेटिंग सर्टिफिकेशन से सम्मानित किया गया था। हालांकि, इस साल यह संख्या कई गुना बढ़कर 342 शहरों तक हो गई है। तीन श्रेणियों में शहरों को बांटा गया है। इसमें फाइव-स्टार शहर, थ्री-स्टार शहर और वन-स्टार शहर की कैटेगरी बनाई गई है। इसमें 9 शहरों को फाइव स्टार, 166 को थ्री स्टार और 167 शहरों को वन स्टार की श्रेणी में रखा गया है । इसके अलावा, इस साल की सर्टिफिकेशन प्रोसेस में भी 2,238 शहरों की भागीदारी है, जो शहरी भारत की कचरा-मुक्त भारत के दृष्टिकोण के प्रति संकल्प को दशार्ता है।

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