शिवराज के मंत्री ने कांग्रेसियों को दिखाया डर, बोले- तैयार खड़ा है मामा का बुलडोजर
महेन्द्र सिंह सिसोदिया नगर निकाय चुनाव प्रचार के आखिरी दिन गुरुवार को गुना पहुंचे थे। यहां पर एक जनसभा को संबोधित करते हुए पंचायत मंत्री ने कांग्रेसियों को डराते हुए कहा कि 2023 में फिर से भाजपा की सरकार बनेगी।
भोपाल। मध्यप्रदेश में इसी साल नवंबर-दिसंबर में विधानसभा चुनाव होने वाला है। जैसे- जैसे चुनाव नजदीक आता जा है, वैसे ही नेताओं के बयान भी बेकाबू होते जा रहे हैं। यही नहीं, नेताओं द्वारा दूसरी पार्टी के नेताओं को डराया भी जा रहा है। ताजा मामला शिवराज सरकार में पंचायत मंत्री महेन्द्र सिसोदिया का सामने आया है। उन्होंने कांग्रेस नेताओं को धमकाते हुए कहा कि धीरे से भाजपा में शामिल हो जाओ, नहीं तो मामा का बुलडोजर तैयार खड़ा है। सिसोदिया द्वारा दिया गया यह बयान सोशल मीडिया में भी वायरल हो रहा है।
दलअसल महेन्द्र सिंह सिसोदिया नगर निकाय चुनाव प्रचार के आखिरी दिन गुरुवार को गुना पहुंचे थे। यहां पर एक जनसभा को संबोधित करते हुए पंचायत मंत्री ने कांग्रेसियों को डराते हुए कहा कि 2023 में फिर से भाजपा की सरकार बनेगी। धीरे-धीरे भाजपा में खिसक आओ, नहीं तो फिर देख लेना, मामा बुलडोजर तैयार खड़ा है। बुलडोजर की धमकी देने के बाद सियोदिया सवालों के घेरे में आ गए हैं। वहीं इस मामले में कांग्रेस नेताओं ने कहा कि हम लोग भाजपा नेताओं की धमकी से डरने वाले नहीं हैं। इस मामले की शिकायत चुनाव आयोग से करेंगे।
सिंधिया के सामने नंबर बढ़ाने में जुटे हैं नेता
बता दें पंचायत मंत्री महेंद्र सिंह सिसोदिया ज्योतिरादित्य सिंधिया के समर्थक है। सिसोदिया दिग्विजय सिंह के गढ़ में उनके समर्थकों की घेराबंदी करने की कोशिश कर रहे हैं ताकि सिंधिया के कोटे में उनके नंबर बढ़ जाएं। यहां पर यह भी याद दिला लें कि आज शुक्रवार को राघोगढ़ में नगरीय निकाय चुनाव के लिए मतदान हो रहा है। मतदान से पहले दोनों पार्टियों ने अपनी खूब ताकत झोंकी है।
भाजपा की ओर से सियोदिया और तोमर ने संभाला मोर्चा
भाजपा की तरफ से दो मंत्रियों ने कमान संभाली थी। प्रदेश के पंचायत मंत्री महेंद्र सिंह सिसोदिया, जिले के प्रभारी मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने लगातार प्रचार किया। इनके अलावा राजगढ़ सांसद रोडमल नागर, गुना विधायक गोपीलाल जाटव सहित अन्य भाजपा नेता प्रचार के लिए पहुंचे, जबकि कांग्रेस की ओर से दिग्विजय सिंह और उनके पुत्र जयवंधन सिंह ने मोर्चा संभाला था।