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देश में फिर लागू हुई पुरानी व्यवस्था: सीडीएस नहीं COSC चेयरमैन बने नरवणे, तीनों को सेनाओं के बीच बैठाएंगे समन्वय

नई दिल्ली। हेलिकाप्टर हादसे (helicopter accident) में सीडीएस जनरल बिपिन रावत (CDS General Bipin Rawat) के निधन के बाद देश में एक बार फिर पुरानी व्यवस्था अस्थाई रूप से लागू कर दी गई है। पुरानी व्यवस्था के तहत आर्मी चीफ जनरल एमएम नरवणे (Army Chief General MM Naravane) को चीफ आफ स्टॉफ कमेटी का चेयरमैन (Chairman of Chiefs of Staff Committee) नियुक्त किया गया है। उन्होंने यह पद संभाल भी लिया है। जनरल नरवणे को नया CDS भी बनाए जाने की अटकलें लगाई जा रही थी। बता दें कि सीडीएस का पद आने से देश में चीफ आफ स्टॉफ कमेटी हुआ करती थी जो तीनों सेनाओं के बीच समन्वय बनाने का काम करती थी।

सूत्रों ने बताया कि जब तक नए सीडीएस की नियुक्ति नहीं हो जाती तब तक यही व्यवस्था रहेगी। एक अधिकारी ने बताया कि सीडीएस की गैर मौजूदगी में वरिष्ठ प्रमुख चीफ आफ स्टाफ कमेटी के चेयरमैन का पदभार ग्रहण करते हैं। चीफ आफ स्टाफ कमेटी के चीफ आफ इंटीग्रेटेड डिफेंस स्टाफ (Chief of Integrated Defense Staff) जो सीडीएस को रिपोर्ट करते थे, अब जनरल एमएम नरवणे को रिपोर्ट करेंगे।

वहीं सूत्रों का यह भी कहना है कि नए सीडीएस को लेकर अभी तक कोई चर्चा नहीं हुई है। लेकिन जनरल नरवणे को तीनों सेनाओं के प्रमुखों में सबसे सीनियर होने के कारण COSC चेयरमैन बनाया गया है और इससे उनका अगला सीडीएस बनने का दावा और ज्यादा मजबूत हो गया है। 61 वर्षीय जनरल नरवणे ने जनरल बिपिन रावत के रिटायरमेंट और देश के पहले सीडीएस के तौर पर प्रमोशन के बाद 31 दिसंबर, 2019 को चीफ आॅफ आर्मी स्टाफ (सीओएएस) यानी सेना प्रमुख की जिम्मेदारी संभाली थी।





चीफ आफ डिफेंस स्टाफ (CDS) के पास तीनों सेनाओं के प्रशासनिक मुद्दों का अधिकार होता है। 2019 में जब देश में पहली बार सीडीएस की नियुक्ति हुई थी, तो उस समय सरकार ने एक बयान जारी कर बताया था कि सीडीएस तीनों सेनाओं के मुद्दे को लेकर रक्षा मंत्री के प्रमुख सलाहकार होंगे। जबकि, तीनों सेनाओं के प्रमुख (chief of three armies) अपनी सेवाओं से संबंधित मामलों पर सलाह देंगे। सीडीएस मिलिट्री कमांड नहीं दे सकते।

जनरल रावत का हुआ हादसे में निधन
देश के पहले CDS जनरल बिपिन रावत का 8 दिसंबर को हेलिकॉप्टर क्रैश के दुखद हादसे में उस समय निधन हो गया था, जब वे अपनी पत्नी और 12 अन्य सैन्य अफसरों के साथ तमिलनाडु के कुन्नूर में एक कार्यक्रम में जा रहे थे। उनका एमआई-17वी5 हेलिकॉप्टर उतरने की जगह से महज 7 किलोमीटर पहले अचानक जंगलों में गिर गया। इस हादसे में जनरल रावत, उनकी पत्नी व 11 अन्य अफसर मौके पर ही शहीद हो गए थे, जबकि इकलौते घायल ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह का 8 दिन अस्पताल में इलाज के बाद बुधवार को निधन हो गया।

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