ओबीसी आरक्षण पर मप्र की गर्म सियासत: शिवराज आज पिछड़ा वर्ग के मंत्री-विधायकों संग करेंगे मंथन

भोपाल। मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) में ओबीसी आरक्षण (OBC reservation) को लेकर सियासत गरमा गई है। विधानसभा में पक्ष और विपक्ष के बीच हुई तीखी बहस के बाद यह लड़ाई अब सड़कों पर आ गई है। इस बीच ओबीसी आरक्षण के मुद्दे को लेकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Chief Minister Shivraj Singh Chouhan) ने पिक्षड़ा वर्ग के मंत्रियों और विधायकों की आज एक बड़ी बैठक बुलाई है। सीएम की बैठक में पिछड़ा वर्ग के मंत्री मोहन यादव (Mohan Yadav), कमल पटेल (Kamal patel), रामखेलावन पटेल (Ramkhelawan Patel), भरत सिंह कुशवाह (Bharat Singh Kushwaha) और विधायक शामिल होंगे। खास बात ये है कि इस बैठक में प्रदेश के महाधिवक्ता और वरिष्ठ वकीलो का पैनल भी शामिल होगा।
OBC reservation को लेकर मानसून सत्र के दौरान सदन में कांग्रेस (Congress) और बीजेपी (BJP) के बीच हुई तीखी तकरार के बाद अब दोनों प्रमुख दल इस मुद्दे को लेकर नई रणनीति पर काम कर रहे हैं। जहां एक तरफ विपक्षी पार्टी कांग्रेस इसे अपना हथियार बना कर सड़क पर उतरने की तैयारी में जुटी हुई है तो वहीं भाजपा सरकार के माध्यम से ओबीसी समुदाय को को अपने पाले में लाने की कोशिश कर रहा है।
मंत्रालय सूत्रों का कहना है कि कांग्रेस ने जिस तरीके से ओबीसी आरक्षण के मुद्दे को हवा दी है। इसे सरकार ने गंभीरता से लिया है। मुख्यमंत्री ने विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ पर हमले किए। इस मुद्दे पर जिस तेवर से शिवराज विपक्ष को घेर रहे थे, उससे साफ था कि सरकार किसी नतीजे पर पहुंचना चाहती है, ताकि कांग्रेस को बैकफुट पर ढकेला जा सके।
सीएम हाउस में हो चुकी है बैठक
पिछड़ा वर्ग को 27 फीसदी आरक्षण के मुद्दे पर विधानसभा सत्र से पहले सीएम हाउस (CM House) में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की इस वर्ग के नेताओं के साथ एक अहम बैठक हो चुकी है। उस बैठक में बीजेपी के पिछड़ा वर्ग के मंत्री, विधायक, सांसद और पिछड़ा वर्ग मोर्चा के पदाधिकारी शामिल हुए थे। सीएम हाउस में हुई इस बैठक में मध्य प्रदेश सरकार के महाधिवक्ता पुरुषेन्द्र कौरव (Advocate General Purushendra Kaurav) भी मौजूद थे। तब बैठक में ओबीसी वर्ग के नेताओं को 27 फीसदी अरक्षण के लीगल पहलुओं से अवगत कराया गया था। तत्कालीन कमलनाथ सरकार (Kamal Nath Government) की ओर से 27 फीसदी आरक्षण के विधेयक को लेकर कब झ्र कब क्या झ्र क्या कदम उठाए गए और कोर्ट में क्या पक्ष रखा गया इसकी जानकारी दी गयी थी।