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अब जवाहरी को अमेरिका ने ड्रोन स्ट्राइक कर सुलाया मौत की नींद, 2001 से छिपा रहा था मुंह

वाशिंगटन। ओसामा बिन लादेन के मारे जाने के बाद अलकायदा की कमान संभालने वाले दुनिया के नंबर दो आतंकवादी अयमान अल-जवाहरी को अमेरिका ने ड्रोन हमले में कर ढेर कर दिया है। अल जवाहिरी ओसामा बिन लादेन की मौत के बाद से आतंकी संगठन अल कायदा का लीडर था। साल 2011 में ओसामा बिन लादेन के मारे जाने के बाद अल कायदा को यह अब तक का सबसे बड़ा झटका लगा है। जानकारी के मुताबिक जवाहिरी काबुल में एक घर में छिपा था। जवाहरी के मारे जाने की पुष्टि स्वयं अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने की है।

व्हाइट हाउस से दिए गए संबोधन में बाइडन ने कहा, ‘अब न्याय हो गया है और अब यह आतंकी नेता नहीं रहा।’ अलकायदा सरगना अयमान अल जवाहिरी काबुल में एक हवाई हमले में मारा गया है। साफ है अगर आप हमारे लोगों के लिए खतरा हैं, तो अमेरिका आपको ढूंढेगा और बाहर निकालेगा, आप चाहे कहीं भी छिप जाएं, चाहे कितना भी समय लगे।’ उन्होंने कहा कि यह 11 नवंबर 2001 को हुए हमले के पीड़ितों को न्याय दिलाने की दिशा में एक और कदम है। मैं अफगानिस्तान को आतंकवादियों के लिए कभी भी, बिल्कुल भी सुरक्षित जगह नहीं बनने दूंगा। साथ ही ध्यान रखूंगा कि ऐसा आगे भी नहीं हो सके।’

बता दें कि आतंकी के सिर पर 25 मिलियन डॉलर का इनाम था। खबर है कि वह भी 11 सितंबर 2001 में हुए हमले में शामिल रहा था, जिसमें करीब 3000 लोगों की मौत हो गई थी। अल-जवाहरी ने ओसामा बिन लादेन को 11 सितंबर 2001 को संयुक्त राज्य अमेरिका पर हमले की साजिश रचने में मदद की और जब लादेन मारा गया था, उसके बाद इसने उसकी विरासत संभाली थी।

कैसे किया गया ढेर?
रिपोर्ट के मुताबिक, जवाहिरी ने काबुल में शरण ले रखी थी. अमेरिकी अधिकारियों के मुताबिक, वह ड्रोन हमले में मारा गया. इस हमले के लिए अमेरिका ने दो Hellfire मिसाइल का इस्तेमाल किया। ड्रोन हमले को शनिवार रात 9:48 बजे अंजाम दिया गया। बताया जा रहा कि जवाहिरी पर हमले से पहले बाइडेन ने अपनी कैबिनेट और सलाहकारों के साथ कई हफ्तों तक मीटिंग की। इतना ही नहीं खास बात ये है कि इस हमले के समय कोई भी अमेरिकी काबुल में मौजूद नहीं था।





तालिबान की भूमिका पर सवाल
जवाहिरी के मारे जाने के बाद सवाल उठ रहा है कि क्या अगस्त 2021 में काबुल पर कब्जा करने के बाद तालिबान आतंकी सरगना को शरण दिए हुए था। इससे पहले अफगानिस्तान में पिछले 20 साल तक अमेरिकी सेना की तैनाती रही है। वहीं, तालिबान के प्रवक्ता जबीहुल्ला मुजाहिद ने एक बयान में एक हमले की पुष्टि की और कड़ी निंदा की और इसे ‘अंतरराष्ट्रीय सिद्धांतों’ का उल्लंघन बताया।

कौन था जवाहिरी?
जवाहिरी 11 साल से अल कायदा की कमान संभाल रहा था। वह कभी ओसामा बिन लादेन का पर्सनल फिजीशियन था। न्यूयॉर्क टाइम्स के मुताबिक, जवाहिरी इजिप्ट के प्रतिष्ठित परिवार से आता है। उसके दादा रबिया अल-जवाहिरी काहिरा में अल-अजहर यूनिवर्सिटी में इमाम थे। उसके परदादा अब्देल रहमान आजम अरब लीग के पहले सचिव थे। इतना ही नहीं जवाहिरी ने अमेरिका पर आतंकी हमले के मास्टरमाइंड की साजिश में मदद की थी। 11 सितंबर, 2001 को अमेरिका पर हुए हमलों के बाद जवाहिरी लगातार छिप रहा था। इसके बाद अफगानिस्तान के पहाड़ी तोरा बोरा क्षेत्र में वह अमेरिकी हमले में बच गया था। इसमें उसकी पत्नी और बच्चों की मौत हो गई थी।

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