भोपाल। मुख्यमंत्री मोहन यादव रविवार को सतना के दौरे पर रहे। उन्होंने यहां अखिल भारतीय शिक्षा संस्थान द्वारा आयोजित 35 वें अखिल भारतीय खेलकूद (एथलेटिक्स) समारोह 2024 के समापन कार्यक्रम में शिकरत की। सीएम ने 35वें अखिल भारतीय खेलकूद (एथलेटिक्स) प्रतियोगिता के विजेताओं को पुरस्कार भी वितरित किए। साथ ही उन्होंने सतना में स्पोर्ट्स कॉलेज के लिए 15 करोड़ रुपए स्वीकृत करने की घोषणा की तथा सिंथेटिक ट्रैक निर्माण के लिए 7 करोड़ रुपए भी स्वीकृत किए। साथ ही बाउंड्री वॉल और अन्य निर्माण कार्यों के संबंध में जिला कलेक्टर को निर्देश दिए। समारोह में नगरीय विकास एवं आवास राज्यमंत्री प्रतिमा बागरी भी मौजूद थी।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सीएम मोहन ने कहा कि खेल से व्यक्तित्व में अनुशासन, आत्म-विश्वास, बौद्धिक, प्रखरता, निडरता और एकाग्रता विकसित होती है। मध्यप्रदेश ने खेलो इंडिया यूथ गेम में देश में चतुर्थ स्थान प्राप्त किया, शूटिंग में प्रदेश ने 15 मेडल अर्जित किए, ओलंपिक में शामिल हुई भारत की हॉकी टीम में प्रदेश के खिलाड़ी ने भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। प्रदेश में 18 खेलों की 11 राज्य अकादमियों का संचालन हो रहा है। यह प्रदेश के लिए गौरव का विषय है।
पीएम मोदी के नेतृतव में खिलाड़ियों ने अर्जित की कई उपलब्धियां
सीएम ने कहा है कि प्रधानमंत्री पीएम मोदी के नेतृत्व में खिलाड़ियों ने राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अनेकों उपलब्धियां अर्जित की है। पीएम ने पदक विजेता खिलाड़ियों को सराहना के साथ ही सर्वश्रेष्ठ प्रयासों के बावजूद पदक प्राप्त करने से चूकने वाले खिलाड़ियों का भी उत्साहवर्धन किया। खेल हो या वैज्ञानिक अनुसंधान का क्षेत्र, पीएम मोदी भारतीय परंपरा का अनुसरण और खेल भावना का परिचय देते हुए सभी क्षेत्रों की प्रतिभाओं को अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शित करने के लिए निरंतर प्रोत्साहन प्रदान करते हैं। प्रधानमंत्री श्री मोदी का यह स्नेह, आशीर्वाद और मार्गदर्शन देशवासियों को सभी क्षेत्रों में सर्वश्रेष्ठ करने के लिए प्रेरणा प्रदान कर रहा है।
परंपरागत खेलों का रहा समृद्ध इतिहास
सीएम ने कहा कि भारत में घुड़सवारी, तीरंदाजी, तलवारबाजी, कुश्ती जैसे परंपरागत खेलों का समृद्ध इतिहास रहा है। इन कौशलों में भाई-बहनों ने समान रूप से अपनी दक्षता का प्रदर्शन किया है। रानी दुर्गावती ने तलवार के बलबूते पर 51 लड़ाइयां लड़ी और सभी में विजय श्री प्राप्त की। रानी दुर्गावती, रानी अवंतीबाई, रानी लक्ष्मीबाई और रानी अहिल्याबाई ने मातृभूमि की रक्षा और सुशासन के क्षेत्र में उदाहरण प्रस्तुत करने के साथ ही सनातन संस्कृति के विस्तार में भी महत्वपूर्ण योगदान दिया।