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देश में कोयले का बड़ा संकट: दिल्ली के बाद पंजाब सरकार ने केन्द्र सरकोर किया आगाह

चंडीगढ़। देश में कोयले के संकट (coal crisis) का असर अब राज्यों में दिखाई देने लगा है। जहां कल दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Chief Minister Arvind Kejriwal) ने कोयले के संकट को लेकर पत्र लिखा था। केजरीवाल ने कहा है कि दिल्ली में coal crisis की वजह से बिजली सप्लाई प्रभावित हो रही है, क्योंकि बिजली प्लांट को पर्याप्त मात्रा में कोयला नहीं मिल रहा है, ऐसे में आपसे अनुरोध है कि दिल्ली को पर्याप्त मात्रा में कोयला और गैस उपलब्ध कराई जाए। वहीं आज पंजाब सरकार (Punjab Government) ने कहा कि कोयले की कमी के कारण राज्य में बिजली का बड़ा संकट पैदा हो सकता है।

पंजाब स्टेट पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड (Punjab State Power Corporation Limited) के एक अधिकारी ने कहा कि कोयले की कमी के कारण कोयले से चलने वाले बिजली संयंत्र (power plant) कम क्षमता पर चल रहे हैं। उन्होंने कहा कि बिजली की स्थिति गंभीर होने के कारण, राज्य में बिजली संयंत्रों के पास पांच दिनों तक कोयले का भंडार बचा है। ऐसे में पंजाब के थर्मल प्लांटों (thermal plants) में होने वाली कोयले की भारी कमी का असर अब बिजली सप्लाई पर दिखाई देने लगा है। जिसमें किसानों को धान की फसल के लिए पर्याप्त बिजली नहीं मिल पा रही है।

वहीं शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में पॉवर कट (power cut) की दिक्कत भी शुरू हो चुकी है। बताया जा रहा है कि देश को 16 लाख टन कोयले की जरुरत है। इस समय 15 लाख टन उत्पादन हो पा रहा है। ऐसे में कोल कंपनियों को कोयले की उत्पादन बढ़ाने की जरूत है। ताकि इस त्योहारों के समय लोगो को अधेरे का सामना ना करना पड़े।

वहीं गणेश श्रीनिवासन ने आगे बताया कि दिल्ली सरकार (Delhi Government) और केंद्र सरकार (central government) दोनों ही बिजली उत्पादन के लिए कोयले की व्यवस्था या डायवर्ट करने के लिए गंभीर स्थिति से निपटने के तरीकों पर विचार कर रहे हैं। इस बीच TPDDL ने उत्तर और उत्तर पश्चिमी दिल्ली में अपने ग्राहकों को बिजली का कम इस्तेमाल करने के लिए मैसेज भेजना शुरू कर दिया है।





दिल्ली में भी मंडराया बिजली संकट
दिल्ली में बिजली संकट मंडरा रहा है. बताया जा रहा है कि अगर कोयले की सप्लाई नहीं मिली तो दो दिन बाद पूरी दिल्ली में ब्लैक आउट हो सकता है. दिल्ली के ऊर्जा मंत्री सत्येंद्र जैन ने कहा कि जैसे आॅक्सीजन का क्राइसिस हुआ था, वो भी मैन मेड ही था, फिर से वैसी ही क्राइसिस नजर आ रही है कि कोयले की सप्लाई बंद कर दो। उन्होंने कहा कि दिल्ली को जिन पावर प्लांट से सप्लाई होती है, उन सभी को मिनिमम एक महीने का कोयला स्टॉक रखना होता है, लेकिन अब वो कम होकर 1 दिन का रह गया है।

झारखंड में पावर प्लांटों में कोयले की कमी
केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण की ओर से जारी कोल स्टॉक की स्थिति के आंकड़ों के मुताबिक, देश के 80 प्रतिशत थर्मल पावर प्लांट्स में कोल स्टॉक एक से चार दिनों का ही है। अगर जल्द कोयला नहीं मिला तो कई पावर प्लांट में बिजली उत्पादन ठप हो जाएगा। प्राधिकरण ने इनमें से 10 प्लांट्स में कोयले के स्टॉक की स्थिति को क्रिटिकल श्रेणी में रखा है। 13 प्लांटों में स्टॉक की स्थिति को सुपर क्रिटिकल की श्रेणी में रखा गया है। चंद्रपुरा सुपर क्रिटिकल श्रेणी में डीवीसी का बोकारो जिला स्थित चंद्रपुरा थर्मल पावर प्लांट में कोल स्टॉक सुपर क्रिटिकल स्थिति में है। यहां महज तीन दिनों का स्टॉक बचा है।

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