नाजुक मोड़ में श्रीलंका: अनाज के लिए मारामारी, एटीएम खाली, सिलेंडर के लिए लंबी लाइनें, मंडराया गृह युद्ध का खतरा

कोलंबो। श्रीलंका में जारी आर्थिक संकट और प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे के इस्तीफे के बाद हालात और बिगड़ते नजर आ रहे हैं। देश के हालात ऐसे हो गए है कि अनाज के लिए मारा-मारी मची है…दूध-दवा की किल्लत चरम पर है…16-16 घंटे की बिजली कटौती है…एटीएम पूरी तरह से खाली हैं…घरेलू सिलेंडर के लिए लंबी लाइनें लगी हैं…आॅट्रो ड्राइवर ईंधन के इंतजार में हैं…बच्चे-महिलाएं बेबस हैं। इस भीषण संकट के कारण श्रीलंका में गृह युद्ध का खतरा मंडराने लगा है।
वहीं खबर यह भी है कि राजपक्षे को गिरफ्तार करने की मांग उठ रही है। पूर्व पीएम पर हिंसा भड़काने के आरोप हैं, जिसमें कम से कम 8 लोगों की मौत हो चुकी है। प्रधानमंत्री महिंद्रा राजपक्षे इस्तीफे के बाद से लापता हैं। श्रीलंका में बिगड़ते हालातों के बीच रक्षा मंत्रालय ने सेना के तीनों अंग- थलसेना, वायुसेना और नौसेना को निर्देश दिए हैं कि अगर जरूरत पड़े तो उपद्रवियों को काबू करने के लिए उन पर खुलेआम फायरिंग कर दी जाए। आदेश के मुताबिक, अगर कहीं सार्वजनिक संपत्ति की लूट या किसी को चोट पहुंचाने की घटना सामने आती है, तो सेना के पास गोलीबारी की छूट होगी।
आर्थिक संकटों का सामना कर रहे श्रीलंका में प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे के पद से इस्तीफे के बाद राजनीतिक संकट और गहरा गया है। इस बीच, मंगलवार को स्पीकर महिंदा यापा अबेयवर्धने ने संकट में घिरे राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे से अनुरोध किया कि वे इस सप्ताह संसद का सत्र फिर से बुलाएं, ताकि देश में दशकों के सबसे खराब आर्थिक संकट को लेकर अभूतपूर्व हिंसा और सरकार के खिलाफ व्यापक विरोध के बीच मौजूदा स्थिति पर चर्चा की जा सके।
इन पांच प्वाइंटों में समझें कैसे हैं श्रीलंका के हालात
- महिंदा राजपक्षे के समर्थकों और सरकार के विरोधियों के बीच झड़प हुई। श्रीलंका सरकार ने देशभर में कर्फ्यू लगा दिया है। वहीं, राजधानी कोलंबो में जवानों की तैनाती की गई है। राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे ने मंगलवार को लोगों से हिंसा और बदले की कार्रवाई रोकने की अपील की। साथ ही उन्होंने नागरिकों से राजनीतिक और आर्थिक संकट को सुलझाने की कसम खाई।
- सोमवार को प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे के इस्तीफा देने के कुछ ही घंटों बाद सरकार विरोधी प्रदर्शनकारियों ने उनके पैतृक आवास में लगा लगा दी। इतना ही नहीं, आक्रोशित प्रदर्शनकारियों ने उनके सरकारी आवास में भी घुसने और इसे नुकसान पहुंचाने की भरपूर कोशिशें कीं। यह सिलसिला मंगलवार को भी जारी रहा जब हजारों प्रदर्शनकारियों ने पूर्व प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे के सरकारी आवास के मुख्य द्वार को तोड़कर अंदर घुसने की कोशिश की जिसके बाद हथियारों से लैस सैनिकों ने तत्काल कार्रवाई करते हुए श्री राजपक्षे और उनके परिवार को सुरक्षित बाहर निकाला।
- श्रीलंका में जारी जन आक्रोश के कारण लगाये गये देशव्यापी कर्फ्यू के बाद मंगलवार को कोलंबो स्टॉक बाजार को बंद कर दिया गया। स्टॉक बाजार की ओर से जारी बयान में कहा गया कि उन्हें यह सूचना दी गयी कि सेंट्रल बैंक का रियल टाइम ग्रॉस सेटेलमेंट सस्टिम मंगलवार को काम नहीं करेगा। इसके कारण स्टॉक बाजार में केंद्रीय जमा तंत्र फंड के सेटलमेंट और प्रतिभूतियों के सेटलमेंट का काम भी नहीं हो पायेगा।
- प्रदर्शनकारियों ने ‘टेंपल ट्री’ निवास में घुसने के बाद, जहां पूर्व प्रधानमंत्री अपने परिवार के साथ छिपे हुए थे, वहां हमला करने की कोशिश की, जिसके बाद सुरक्षा बलों ने भीड़ को काबू में करने के लिए आंसू गैस के गोले दागे तथा हवा में गोलियां चलाईं। पूर्व प्रधानमंत्री के आवासीय परिसर में कम से कम दस पेट्रोल बम फेंका गया, हालांकि सेना ने उन्हें और उनके परिवार को सुरक्षित बाहर निकाल लिया। फिलहाल, श्री राजपक्षे अपने परिवार सहित एक गुप्त स्थान हैं।
- श्रीलंका में सरकार विरोधी हिंसक प्रदर्शनों के बीच राष्ट्रपति राजपक्षे की प्रमुख ज्योतिष के यहां अनुराधापुरा स्थित लक्जरी होटल को भी आग के हवाले कर दिया। इतना ही नहीं, प्रदर्शनकारियों ने सत्तारूढ़ दल के नेताओं से जुड़ी कई अन्य संपत्तियों को भी नुकसान पहुंचाया। इसके अलावा, एमबलानगोडा के मेयर के दो होटल और एक भोजनालय पर भी हमला किया गया।
संसद अध्यक्ष ने कहा, तत्काल सत्र बुलाएं राष्ट्रपति
श्रीलंकाई संसद के अध्यक्ष महिंदा यापा अभयवर्धना ने राष्ट्रपति गोतबाया राजपक्षे से कहा कि वे अभूतपूर्व हिंसा और कई दशक में देश के सर्वाधिक खराब आर्थिक संकट को लेकर सरकार के खिलाफ व्यापक विरोध प्रदर्शन के बीच मौजूदा स्थिति पर चर्चा करने के लिए जल्द से जल्द सदन का सत्र बुलाएं। सार्जेंट-एट आर्म्स नरेंदा फर्नांडो ने ह्यडेली मिररह्ण को बताया कि अध्यक्ष द्वारा सिर्फ मौजूदा संकट पर चर्चा के लिए सदन को बुलाने के प्रावधान हैं।
श्रीलंका में हिंसक प्रदर्शन पर भारत ने जताई चिंता
गंभीर आर्थिक संकट के बाद श्रीलंका में बढ़ते हिंसक प्रदर्शन पर भारत ने गहरी चिंता जताई है। भारत ने पड़ोसी देश को हर संभव मदद देने का भरोसा दिया है। उसने कहा है कि पड़ोसी और ऐतिहासिक संबंध होने के नाते भारत श्रीलंका के लोकतंत्र, स्थिरता और आर्थिक स्थिति में सुधार को लेकर पूरी तरह उसके साथ है।
विदेश मंत्रालय ने आर्थिक संकट के दौरान भारत की ओर से श्रीलंका को दी गई मदद की याद दिलाई। भारत ने सिर्फ इसी साल श्रीलंका को 3.5 अरब डॉलर से अधिक मदद दी है। भारत ने कहा, वह समय भी पड़ोसियों को प्राथमिकता देने की अपनी नीति पर मजबूती से खड़ा है।