सावन का तीसरा सोमवार: महाकाल का दर्शन पाने उमड़ा भक्तों का सैलाब, रात 2.30 बजे ही खुले पट

उज्जैन। श्रावण मास में आज सोमवार को भगवान महाकाल की तीसरी शाही सवारी निकलेगी। भगवान महाकाल पालकी में चंद्रमौलेश्वर तथा हाथी पर मनमहेश रूप में सवार हाकर भक्तों को दर्शन देने निकलेंगे। वहीं भगवान महाकाल के अति प्रिय माह सावन के तीसरे सोमवार पर भक्तों का सैलाब उमड़ पड़ा है। भक्तों को बाबा के दर्शन के लिए मंदिर प्रशासन ने तड़के 2:30 बजे ही पट खोल दिए गए थे। सुबह होने वाली विशेष भस्मार्ती में बाबा महाकाल को विशेष बैल पत्रों की माला अर्पित की गई।
खबरों के मुताबिक कोरोना नियमों के मुताबिक बाबा महाकाल की आज निकले वाली सवारी का स्वरूप बहुत ही छोटा रहेगा। मंदिर प्रशासन की सहमति से उमा महेश का मुखारविंद नहीं निकालने का निर्णय लिया है। मंदिर की परंपरा अनुसार श्रावण-भादौ मास की प्रत्येक सवारी में भगवान का एक नया मुखारविंद शामिल किया जाता है। बता जा रहा है भगवान महाकाल का भांग, चंदन, फल, वस्र आदि से अलौकिक श्रृंगार किया गया।
बता दें कि हो रही भारी बारिश के बावजूद भी दर्शनार्थियों के उत्साह में कमी नहीं आई और देर रात से भक्तों की लंबी लाइनें लगना शुरू हो गई थीं। महाकाल मंदिर के पट खुलते ही बाबा का धाम जय कारों से गूंज उठा। कोविड के नियमों का पालन करते हुए सुबह 5 बजे से दर्शनों के सिलसिला शुरू हुआ। सोमवार शाम को सावन की तीसरी सवारी निकाली जाएगी। बाबा लाव लश्कर के साथ मंदिर प्रांगण से पालकी में सवार होकर नगर भ्रमण पर प्रजा का हाल जानने निकलेंगे। कोरोना के चलते श्रद्धालुओं के प्रवेश पर सवारी में भी प्रतिबंध रहेगा।