कार्तिक माह की पहली सवारी: राजसी ठाट-बाट के साथ नगर भ्रमण पर निकले भोलेनाथ, चांदी की पालकी में की सवारी
उज्जैन। कार्तिक मास पहले सोमवार पर धार्मिक नगरी उज्जैन में बाबा महाकाल की पहली सवारी निकाली गई। सवारी भी सावन-भादौ महीने में सोमवार के दिन जैसी ही निकली। सवारी के दौरान बड़ी संख्या में भक्त शामिल हुए, जो नाचते गाजे और बाबा महाकाल की जयकारा लगाते नजर आए। जगह-जगह बाबा महाकाल का फूल बरसाकर स्वागत किया गया। यात्रा के दौरान पुलिस बैंड, घुड़सवार आकर्षक का केंद्र रहे। कार्तिक की पहली सवारी में भगवान महाकालेश्वर ने मनमहेश के रूप में श्रद्धालुओं को दर्शन दिए।
मंदिर प्रबंध समिति के प्रशासक संदीप कुमार सोनी ने बताया कि विधिवत पूजन-अर्चन के बाद राजसी ठाट-बाट के साथ चांदी की पालकी में सवार होकर बाबा महाकाल प्रजा का हाल जानने नगर भ्रमण पर निकले। मंदिर के मुख्य द्वार पर पुलिस बल द्वारा बाबा महाकाल को सलामी दी गई। इसके बाद राजाधिराज महाकाल चांदी की पालकी में मन महेश स्वरूप में सवार होकर प्रजा का हाल जानने नगर भ्रमण पर निकले।उन्होंने बताया कि महाकाल की सवारी में मंदिर से गुदरी चौराहा, बक्षी बाजार कहारवाडी होते हुए रामघाट क्षिप्रातट पहुंची। जहां क्षिप्रा के जल से महाकाल को पूजा-अर्चना किया गया। इसके बाद सवारी रामघाट से गणगौर दरवाजा, मोड की धर्मशाला, कार्तिक चौक, खाती का मंदिर, सत्यनारायण मंदिर, ढाबा रोड, टंकी चौराहा, छत्री चौक, गोपाल मंदिर, पटनी बाजार, गुदरी बाजार होते हुए मंदिर पहुंची।
मार्गशीर्ष माह में निकलेंगी 5 सवारियां
भगवान की कार्तिक एवं अगहन (मार्गशीर्ष) माह में निकलने वाली महाकालेश्वर भगवान की पांच सवारियां निकलेंगी। पहली आज, वहीं दूसरी सवारी 27 नवम्बर, तीसरी सवारी 4 दिसम्बर और शाही सवारी 11 दिसम्बर 2023 को निकालेगी।