CM से कोई भी कर सकता है मुलाकात, पर BJP में नहीं है कोई वैकेंसी: शिवपाल को लेकर बोले यूपी के डिप्टी सीएम

लखनऊ। प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (लोहिया) के प्रमुख शिवपाल सिंह यादव ने बुधवार 30 मार्च को प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात की थी। दोनों नेताओं के बीच हुई इस मुलाकात के बाद सियासी सरगर्मियां बढ़ गई हैं और ऐसी अटकलें लगाई जाने लगी है कि जल्द ही शिवपाल भाजपा में शामिल हो सकते हैं। हालांकि, शिवपाल सिंह यादव के भाजपा में शामिल होने की अटकलों पर अब डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य का बयान सामने आया है।
एब बातचीत के दौरान मौर्य ने यादव के भाजपा में शामिल होने की अटकलों पर कहा, ‘अभी तो हमारे यहां ऐसी कोई वैकेंसी नहीं है।’ उन्होंने कहा, ‘योगी आदित्यनाथ हमारे मुख्यमंत्री हैं और कोई भी उनसे मुलाकात कर सकता है। फिर चाहे वे राहुल गांधी, प्रियंका गांधी हों… और अखिलेश यादव भी उनसे मिल चुके हैं।’ हाल ही में यादव, भतीजे खिलेश की तरफ से बुलाई गई सहयोगी दलों की बैठक में शामिल नहीं हुए थे। शिवपाल समाजवादी पार्टी के संस्थापक और अखिलेश के पिता मुलायम सिंह यादव के छोटे भाई हैं।
बता दें कि मौर्य ने यादव के भाजपा में शामिल होने की अटकलों पर कहा कि अभी तो हमारे यहां ऐसी कोई वैकेंसी नहीं है। हाल ही में यादव, भतीजे अखिलेश की तरफ से बुलाई गई सहयोगी दलों की बैठक में शामिल नहीं हुए थे। शिवपाल समाजवादी पार्टी के संस्थापक और अखिलेश के पिता मुलायम सिंह यादव के छोटे भाई हैं।
फिर अलग होंगी राहें!
एक रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से बताया गया कि यूपी चुनाव हारने के कुछ दिन बाद ही शिवपाल यादव अपने भतीजे के साथ गठबंधन करने वाले हैं। उन्होंने कथित तौर पर अपनी पार्टी के नेताओं से मुलाकात की और ‘बड़ी जंग के लिए तैयार रहने को’ कहा। रिपोर्ट के अनुसार, यादव ने कथित तौर पर 24 मार्च को अखिलेश से मुलाकात की थी और समाजवादी पार्टी में बड़े पद की इच्छा जताई थी। रिपोर्ट के मुताबिक, सूत्रों ने कहा कि अखिलेश ने चाचा को याद दिलाया था कि वे सहयोगी हैं, सपा के सदस्य नहीं।
शिवपाल के जाने से मुलायम परिवार की पीढ़ी की सियासत हो जाएगी खत्म
मुलायम सिंह के भाई प्रसपा मुखिया शिवपाल सिंह यादव कभी भी बीजेपी में आ सकते हैं। अखिलेश के परिवार वाले ही अखिलेश का साथ लगातार छोड़ते नजर आ रहे हैं। जानकारी के मुताबिक शिवपाल यादव की इस सिलसिले में गृह मंत्री अमित शाह से भी मुलाकात हो चुकी हैं। बता दें कि शिवपाल के जाते ही मुलायम परिवार की पीढ़ी की सियासत सपा से खत्म हो जाएगी।
दरअसल विधानसभा चुनाव में करारी हार के बाद समाजवादी पार्टी (सपा) ने बीते शनिवार को विधायक दल की बैठक बुलाई गई। बैठक में सरकार को सड़क से सदन तक घेरने की रणनीति बनानी थी, लेकिन इससे पहले सपा में एक बार फिर अंदरुनी झगड़े की आहट सुनाई देनी लगी। अखिलेश यादव ने एक बार फिर चाचा शिवपाल यादव को बड़ा झटका देते हुए उनकी उम्मीदों पर पानी फेर दिया।