शहडोल। शहडोल जिले के बिरसा मुंडा मेडिकल कॉलेज में दो अद्भुत बच्चों का जन्म हुआ है। दरअसल दोनों बच्चों का शरीर आपस में जुड़ा हुआ हैं। बच्चों के दो सिर, चार हाथ और चार पैर हैं, जबकि पेट अपस में जुड़ा हुआ है। ऐसा अद्भुत दृश्य देख कर सभी हैरान हो गए हैं। वहीं डॉक्टरों का कहना है कि ये बच्चे जुड़वा हैं और उनके शरीर किसी विकृति के कारण आपस में जुड़ गए हैं। दोनों का बच्चों का जन्म रविवार की देर शाम हुआ हैं। इन्हें जन्म देने वाली प्रसूता समेत परिवार के लोग घबरा गए हैं। उन्हें इस बात की चिंता सता रही है कि एक दूसरे से जुड़े इन बच्चों का वह कैसे पालन पोषण कर पाएंगे, साथ ही इनका भविष्य क्या होगा।
जानकारी के मुताबिक, अनूपपुर जिले के कोतमा के रहने वाले रवि जोगी की पत्नी वर्षा को प्रसव पीड़ा होने पर शासकीय बिरसा मुंडा मेडिकल कॉलेज शहडोल में भर्ती कराया गया था। जहां रविवार शाम उन्होंने एक अनोखे जुड़वा बच्चे को जन्म दिया। बच्चे का जन्म होते ही नर्सों और चिकित्सकों के बीच यह मामला चर्चा का विषय बन गया। पैदा हुए जुड़वा बच्चों के पेट आपस में जुड़े हुए हैं। इनके चार पैर, चार हाथ, दो सिर सभी अंग हैं। नवजातों को आॅक्सीजन सपोर्ट में रखा गया है। मेडिकल कालेज प्रबंधन द्वारा इन्हें रीवा अथवा जबलपुर भेजने की तैयारी की जा रही है, ताकि इनका उचित उपचार हो सके। ऐसे नवजातों को सीमंस ट्विन्स भी कहा जाता है।
जीवित रह पाना मुश्किल
विशेषज्ञों के अनुसार ऐसे मामले यदाकदा ही सामने आतें हैं, जिसमें दो अलग-अलग भ्रूण प्रारम्भ अवस्था में गर्भ के अंदर एक दूसरे से चिपक जातें हैं, जिससे ऐसी स्थति निर्मित हो जाती है। ऐसे बच्चे का जीवन आगे स्थिर रह पाना बड़ा ही कठिन होता है। क्योंकि एक दिल से दो नवजात का जीवित रह पाना बहुत ही मुश्किल होता है। डॉक्टर नागेंद्र सिंह मेडिकल कॉलेज अधीक्षक से जब इस संबंध में बात की गई तो उनका कहना है कि दोनों बच्चे सीने से जुड़े हुए हैं, जिन्हें एसएनसीयू वार्ड में रखकर उपचार दिया जा रहा है। बच्चे दो हैं, लेकिन दिल एक ही है।
बच्चों को सीएमसी में कराया गया भर्ती
शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ निशांत प्रभाकर ने बताया कि बच्चों के जन्म लेने के बाद से ही उन्हें सीएमसी में भर्ती किया गया है। जहां उन्हें उपचार दिया जा रहा है। दो अलग-अलग सर, 4 हाथ 4 पैर वाले जन्मे अद्भुद बच्चे को देखकर हर कोई हैरान है। यह एक दुर्लभ चिकित्सा स्थिति है, जिसे कंजॉइन्ड ट्विन्स के नाम से जाना जाता है। ऐसे मामलों में भ्रूण का पूर्ण विभाजन नहीं हो पाता है, जिससे जुड़वा बच्चे शरीर के कुछ हिस्सों को साझा करते हैं।