विश्वकर्मा समाज के सम्मेलन में बोले नाथ- कांग्रेस की सरकार बनने पर करेंगे न्याय, शिवराज हैं घोषणा मशीन

भोपाल। पीसीसी चीफ कमलनाथ ने कहा है कि विश्वकर्मा समाज ईमानदार और मेहनती समाज है। इस समाज के लोग फर्नीचर, लोहा, बेल्डिंग आदि का काम ज्यादा करते हैं। इसलिए इनको समाज में उचित स्थान मिलेगा। कांग्रेस सरकार बनने पर इस समाज के साथ न्याय होगा और उनका अधिकार मिलेगा, शिक्षा और रोजगार में अवसर दिया जायेगा। विश्वकर्मा समाज अपने हाथों से हर काम को अंजाम देने वाला परिश्रमी समाज है। विश्वकर्मा समाज की सामाजिक उन्नति और प्रगति के लिए हर संभव प्रयास किया जाएगा। पीसीसी चीफ ने यह बात विश्वकर्मा समाज कल्याण प्रकोष्ठ के प्रदेश स्तरीय सम्मेलन को संबोधित करने के दौरान कही।
नाथ ने कहा कि ये चुनाव मध्यप्रदेश का भविष्य तय करेगा, प्रदेश के प्रति आपकी निष्ठा प्रदेश की तस्वीर बदलेगी। इस चुनाव में विश्वकर्मा समाज की भूमिका भी महत्वपूर्ण होगी। अकेला एक समाज कभी चुनाव नहीं जीत सकता सभी की सहभागिता होती है। उन्होंने कहा कि विश्वकर्मा समाज के प्रतिनिधियों की जो विश्वकर्मा कल्याण बोर्ड का गठन, गरीबी के कारण शिक्षा से वंचित रह जाने वाले सामाजिक युवाओं के प्रायोगिक परीक्षा लेकर उन्हें आईटीआई सर्टिफिकेट देने तथा विश्वकर्मा समाज के परंपरागत लोहे और लकड़ी के रोजगार को सुरक्षित रखने हेतु लोहे और लकड़ी के कच्चे माल पर 25 प्रतिशत सब्सिडी देने और सत्ता और संगठन में स्थान देने की मांग है, उसे कांग्रेस पार्टी सहमति बनाकर पूरा करने का प्रयास करेगी।
शिवराज की कलाकारी को समझती है जनता
सम्मेलन को संबोधित करते हुए नाथ ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश में एक करोड़ से ज्यादा बेरोजगार हैं, इन बेरोजगारों के भविष्य का निर्माण करने के लिए आवश्यकता है कि आप सब सच्चाई का साथ दें। आज मध्यप्रदेश की जो हालत है, इसमें आप सभी भ्रष्टाचार के या तो गवाह हैं या फिर शिकार हैं। आज पंचायती राज समाप्त किया जा रहा है प्रदेश की तस्वीर आपके सामने है। आप कमलनाथ का साथ मत दीजिए, आप कांग्रेस का साथ मत दीजिए लेकिन सच्चाई का साथ दीजिए। शिवराज चौहान घोषणा की मशीन हैं जो अब डबल स्पीड से चल रही है, इनको लाडली बहना योजना की याद 18 साल नहीं केवल आखरी 5 महीने में ही याद आई, इस कलाकारी को जनता समझती है। आज किसान खाद और बीज के लिए भी परेशान है। मैंने क्या गुनाह किया था जो 27 लाख किसानों की कर्जमाफी की थी, एक हजार गौशालाएं बनाई थीं, आखिर मेरा क्या कसूर था?