भोपाल। मोहन सरकार में कैबिनेट मंत्री नागर सिंह चौहान वन और पर्यावरण विभाग छीने जाने से नाराज हो गए हैं। उन्होंने मंत्री पद से इस्तीफा देने की धमकी भी दे दी है। इतना ही नहीं, सूत्रों की मानें तो उन्होंने यहां तक कह दिया है कि अगर हमारी बात नहीं सुनी गई तो उनकी पत्नी सुनीता सिंह नागर भी सांसद पद से इस्तीफा दे देंगी। सुनीता झाबुआ-रतमाल लोकसभा सीट से सांसद है। बताया तो यहां तक जा रहा है कि अनिता नागर सिंह चौहान को संसद के बजट सत्र में भाग लेने दिल्ली जाना था, लेकिन रविवार के घटनाक्रम के बाद वह दिल्ली नहीं गई हैं। इन अटकलों के बीच मंत्री के बंगले पर बीजेपी नेताओं का जमावड़ा लग गया है। प्रदेश मंत्री और बीजेपी जिला अध्यक्ष नागर सिंह के बंगले पहुंच गए हैं।
बता दें कि नागर सिंह चौहान, रामनिवास रावत को वन एवं पर्यावरण विभाग के मंत्री बनाए जाने से नाराज हैं। जिसकी वजह से उनकी पार्टी छोड़ने की अटकलें चल रही हैं। दरअसल मोहन यादव सरकार में मंत्री बनने के बाद नागर सिंह चौहान के पास तीन विभाग थे। जिसमें से वन और पर्यावरण विभाग रामनिवास रावत को दे दिए। रावत को दोनों विभागों की जिम्मेदारी कल रविवार को सौंपी गई थी। अब नागर के पास सिर्फ अनुसूचित जाति कल्याण विभाग ही बचा है। कैबिनेट में इसे उनका कद घटने के रूप में देखा जा रहा है।
क्यों नाराज है नागर सिंह चौहान
नागर सिंह चौहान का कहना है कि यदि उनका कोई विभाग छीना जाना था तो उन्हें बताया भी जा सकता था। उनका विभाग छीनकर कांग्रेस से आए हुए नेता को देना गलत है। यह फैसला अचानक हुआ और उनसे वन एवं पर्यावरण विभाग छीन लिया गया। उन्होंने कहा कि “अलीराजपुर को कांग्रेस का अभेद्य गढ़ माना जाता था। वहां हम कांग्रेस से लगातार लड़ रहे हैं। लगातार चुनाव जीतने के बाद मध्य प्रदेश सरकार में अलीराजपुर जिले को पहली बार मंत्री बनने का अवसर मिला था। सात महीने बाद बिना पूछे, बिना चर्चा किए मेरे दो विभाग को कांग्रेस से आए हुए मंत्री रामनिवास रावत को दिए हैं। इससे मैं बहुत दुखी हूं। हम भाजपा के मूल कार्यकर्ता हैं।
पार्टी फोरम में रखेंगे अपनी बात
नागर ने आगे कहा कि वह पार्टी फोरम पर अपनी बात रखेंगे। सूत्रों का कहना है कि पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा के सामने वह अपनी बात रख चुके हैं। उन्होंने सोमवार को मीडिया से कहा, अगर मेरी बात नहीं सुनी गई तो मैं इस्तीफा दे दूंगा, क्योंकि मंत्री रहते हुए आदिवासी हितों की रक्षा नहीं कर पा रहा हूं।’ उन्होंने यह भी कहा है कि यदि समस्या का समाधान नहीं निकाला गया तो उनकी पत्नी अनिता नागर सिंह चौहान भी सांसदी छोड़ देंगी।
विभाग छीनकर कांग्रेस से आए नेता को सौंप देने से हूं दुखी
नागर ने कहा कि पूरे मध्य प्रदेश में बरसों बरस से कार्यकर्ता भारतीय जनसंघ के जमाने से संघर्ष करते आए हैं। मेरे जैसे कार्यकर्ता से विभाग छीनकर कांग्रेस से आए हुए नेता को सौंप देने से मैं दुखी हूं। मुझे लगता है कि इस पद पर नहीं रहना चाहिए।” हालांकि, जब उनसे फोन पर यह जानने की कोशिश की गई कि क्या उन्होंने इस्तीफा दे दिया है तो नागर ने कहा कि “फिलहाल मैं मीटिंग में हूं। बाद में बात करता हूं।”
भाजपा जिलाध्यक्ष बोले- मंत्री जी नाराज हैं तो संगठन में बात रखेंगे
वहीं आलिराजपुर भाजपा जिलाध्यक्ष संतोष मकू परवाल ने कहा, ‘नागर का बयान मैंने भी सोशल मीडिया के माध्यम से देखा-पढ़ा है। मंत्री जी से चर्चा करके समन्वय से बात करेंगे। हम सब कार्यकर्ता हैं, संगठन के लोग हैं। अगर मंत्री जी की नाराजगी है तो हम संगठन के सामने बात रखेंगे। पता चला है कि मंत्री जी कहीं गए हुए हैं इसलिए बात नहीं हो पाई है। मंत्री जी भी संगठन के साथ ही रहने वाले हैं।’