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संकीर्ण मानसिकता को त्यागे भाजपा, तभी देश को कुछ होगा भला: किसानों-बेरोजगारों का मुद्दा उठा मायावती ने घेरा

लखनऊ। उत्तरप्रदेश विधानसभा चुनाव (uttar pradesh assembly election) को लेकर संग्राम जारी है राजनीतिक दल एक दूसरे पर जमकर हमला बोल रहे हैं। इस बीच बसपा की अध्यक्ष (BSP President) और उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती (Former Chief Minister of Uttar Pradesh Mayawati) ने रविवार को किसानों और बेरोजगारों (farmers and unemployed) की आत्महत्या (suicide) का मामला उठाते हुए सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (ruling Party BJP) को कटघरे में खड़ा किया। उन्होंने कहा कि भाजपा के लोग अपनी संकीर्ण सोच व मानसिकता को त्याग दें, तभी देश का कुछ भला हो सकता है। बता दें कि कल सोमवार को यूपी में दूसरे चरण का मतदान भी होने वाला है।

उत्तर प्रदेश में चल रहे विधानसभा चुनावों के बीच रविवार को बसपा प्रमुख मायावती ने सत्तारूढ़ भाजपा पर सवाल उठाते हुए ट्वीट किया, कर्ज में डूबे एवं घुट कर जीवन जीने को मजबूर किसानों द्वारा आत्महत्या की खबरें विचलित करती हैं, किन्तु अब बेरोजगार युवाओं द्वारा भी आत्महत्या करने की विवशता ने राष्ट्रीय चिंता, बेचैनी व आक्रोश को और बढ़ा दिया है। फिर भी विकास व इंडिया शाइनिंग आदि जैसा भाजपा का दावा कितना उचित है।





मायावती ने सिलसिलेवार ट्वीट (Tweet) कर कहा, साथ ही, भाजपा द्वारा संसद में भी बेरोजगारी की ज्वलन्त राष्ट्रीय समस्या से इनकार करना इनकी यह गलत व अहंकारी सोच नहीं है तो और क्या है? कौन युवा बेरोजगारी का ताना व अपमान सहना चाहता है? भाजपा के लोग अपनी संकीर्ण सोच व मानसिकता को त्याग दें, तभी देश का कुछ भला संभव है।

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